ओड दंगा मामले में 18 को उम्र कैद. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

ओड दंगा मामले में 18 को उम्र कैद.


गोधरा अग्निकांड के बाद गुजरात दंगों के दौरान आणंद में 23 लोगों को जिंदा जलाने के मामले में 18 दोषियों को उम्रकैद और पांच दोषियों को 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। एक मार्च, 2002 को दंगाइयों की भीड़ ने ओड गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 20 घरों को आग के हवाले कर दिया था। इसमें नौ बच्चों और नौ महिलाओं समेत 23 लोगों की मौत हो गई थी। 

स्पेशल कोर्ट की जज पूनम सिंह ने सोमवार को इस मामले में 23 लोगों को दोषी करार दिया था। 23 आरोपी सबूतों के आभाव में बरी हो गए थे। ओड दंगा केस में कुल 47 आरोपी थे, जिसमें से एक की मौत हो गई थी। 

गुजरात पुलिस इस घटना की तीन-चार साल तक जांच करती रही, लेकिन किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी को इसकी जांच सौंपी गई। एसआईटी ने 12 नवंबर, 2009 को चार्जशीट दायर की, जिसमें 47 लोगों को आरोपी बनाया गया था। पहले इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज एस.वाई. त्रिवेदी कर रहे थे लेकिन मई 2011 में व्यक्तिगत कारण बताते हुए अपने उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद पूनम सिंह को इस मामले में जज बनाया और उनके समक्ष सभी जिरह फिर से हुई। बचाव पक्ष के वकील सी.के. पटेल पहले ही कह चुके हैं कि वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

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