बिहार में बिजली की समस्या को देखते हुए गांवों को गैर पारम्परिक ऊर्जा से रोशन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्य के 820 गांवों में अपारम्परिक ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए विद्युतीकरण की जिम्मदारी बिहार स्टेट पावर हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन (बीएचपीसी) को दी गई है। बीएचपीसी के प्रबंध निदेशक ए.के. पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि पहले चरण में गोपालगंज जिले के 28 गांवों में जबकि कैमूर जिले के 20 गांवों में गैसी फायर एवं सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इस वितीय वर्ष में यह कार्य पूरा हो जाने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में पटना, किशनगंज, बांका सहित राज्य के छह जिलों के 188 गांवों में इस योजना के तहत बिजली पहुंचाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अबतक इनमें से 165 गांवों में सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। पांडेय ने बताया कि राज्य में बिजली की समस्या को देखते हुए सरकार ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोतों पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के 820 गांवों को गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली पहुंचाने का योजना है।

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