सियाचिन ग्लेशियर पर सैन्य गतिरोध खत्म करने में भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने कोई प्रगति नहीं की है और दोनों पक्ष दो दिवसीय वार्ता में अपऩे-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। यह जानकारी कूटनीतिक एवं आधिकारिक सूत्रों ने दी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री नावेद कमर ने कहा कि दोनों तरफ इस तरह की सोच है कि संघर्ष का काफी नकारात्मक प्रभाव होगा जो आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बाधित करेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में समृद्धि लाने का एकमात्र समाधान शांति है। पाकिस्तान और भारत को शांति बहाल रखनी चाहिए ताकि पुरानी गलतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ा जा सके। सहयोग ही सफलता की कुंजी है।
दोनों पक्षों ने कहा कि रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा के नेतृत्व में भारतीय दल और पाकिस्तान के रक्षा सचिव नरगिस सेठी के नेतृत्व में पाकिस्तानी दल के बीच कल शुरू हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने अपऩे-अपने रुख का जिक्र किया और अपने रुख पर अड़े रहे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूसरे दिन की आज की वार्ता संयुक्त बयान पर ही मुख्यत: केंद्रित रहा। खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी पक्ष ने सियाचिन ग्लेशियर के विसैन्यीकरण पर जोर दिया और सैनिकों को 1984 के पहले की स्थिति में वापस लाने पर जोर दिया। पाकिस्तानी पक्ष ने 1989 और 1992 में हुई चर्चाओं के मददेनजर मुद्दे के समाधान का आह्वान किया। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी समाधान सियाचिन पर वर्तमान सैन्य स्थिति और प्रमाणीकरण पर होना चाहिए। इस पहल का उद्देश्य है कि ग्लेशियर से सेना हटाने के बाद पाकिस्तान वहां अपने सैनिकों की तैनाती नहीं कर दे।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री नावेद कमर ने कहा कि दोनों तरफ इस तरह की सोच है कि संघर्ष का काफी नकारात्मक प्रभाव होगा जो आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बाधित करेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में समृद्धि लाने का एकमात्र समाधान शांति है। पाकिस्तान और भारत को शांति बहाल रखनी चाहिए ताकि पुरानी गलतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ा जा सके। सहयोग ही सफलता की कुंजी है।
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