दरभंगा से भाजपा सांसद कीर्ति आजाद के संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। दो-तीन दिन पहले श्री आजाद की श्रीमती गांधी के साथ लम्बी बातचीत हुई थी। इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है। श्री आजाद के पिता भागवत झा आजाद कांग्रेस के जाने-माने नेता थे और बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे।
इस पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर कांग्रेस और भाजपा के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कहीं कीर्ति आजाद भाजपा का पल्ला झटककर कांग्रेस का दामन तो नहीं थामने वाले हैं! हालांकि इस बाबत सूबे के कांग्रेसी नेता अपनी जुबान बंद ही रखना बेहतर समझते हैं वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुधीर शर्मा का कहना है कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कीर्ति आजाद का भाजपा में काफी सम्मान है और इसके मद्देनजर उनको नहीं लगता कि वह कांग्रेस में जाने की बात सोच भी सकते हैं। इस बाबत खुद कीर्ति आजाद ने फोन पर बताया कि उनकी ही पार्टी (भाजपा) के कुछ लोग इस तरह की ऊटपटांग अफवाह उड़ा रहे हैं। यदि उनको कांग्रेस में ही जाना होता तो वह तभी नहीं जाते जब उनके पिता इसमें थे। हकीकत यह है कि भाजपा में उनको जो मान-सम्मान मिल रहा है वह पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को नहीं सुहा रहा है और वही लोग इस तरह की गलतफहमी फैला रहे हैं। श्री आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी से उनकी बातचीत कोल ब्लाक आवंटन पर संसद में चल रहे गतिरोध और नोकझोंक पर हुई।
सोनिया गाँधी चाहती थीं कि यह गतिरोध दूर हो। इसके साथ उन्होंने उनके पिताजी के व्यक्तित्व की खासियत के बारे में बातचीत की और इस बात के लिए खेद जताया कि बाहर रहने के कारण वह उनके पिता के श्राद्धकर्म में नहीं आ सकीं। श्री आजाद ने कहा कि वह तो मुलायम सिंह यादव और ममता बनर्जी से भी मिले हैं मगर तब तो किसी ने यह मुद्दा नहीं उठाया कि वह सपा या टीएमसी में जाने वाले हैं।
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