प्रधानमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र को पूरी तरह से नकार दिया है. उन्होंने जनता से कहा कि वह बाधा पहुंचाने के इस रवैये के खिलाफ खडी हो. सिंह ने आगाह करते हुए कहा कि यह संसदीय राजनीति का गंभीर उल्लंघन है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन पर कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रपट पर संसद और लोक लेखा समिति में चर्चा हुई होती लेकिन विपक्ष ने कार्यवाही बाधित करने का विकल्प चुना. उन्होंने मानसून सत्र के अनिश्चितकाल तक स्थगित होने के बाद संसद भवन परिसर में कहा कि संसद का ये सत्र व्यर्थ गया. दोनों सदनों को पंगु कर दिया गया क्योंकि कैग की रपट में लोक सेवकों के खिलाफ सही या गलत कुछ आरोप लगाये गये थे.
सिंह ने कहा कि हम कैग जैसी संस्था का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन यदि हम इस संस्था का सम्मान करते हैं तो हमें इसके निष्कर्षों’ पर लोक लेखा समिति या सदन पटल पर चर्चा करनी चाहिए जिसके लिए हम हमेशा से तैयार थे. भाजपा का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कैग की रिपोर्टों’ के संबंध में (चर्चा करने की) संस्थागत परंपरा का फायदा नहीं उठाने का विकल्प चुना और संसद की कार्यवाही बाधित की. यह लोकतंत्र को नकारने वाली बात है. उन्होंने आगाह किया कि यदि इसी धारणा को बढावा दिया गया तो यह संसदीय राजनीति का घोर उल्लंघन होगा.
भाजपा ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे, कोयला ब्लाक आवंटन रद्द करने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर इस सत्र के अंतिम 13 दिन जमकर हंगामा किया और दोनों ही सदनों में कार्यवाही ठप्प कर दी. इस वजह से 19 दिन के मॉनसून सत्र में केवल छह ही दिन काम हो सका. प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में देश के समक्ष मौजूद महत्वपूर्ण मुददों पर चर्चा नहीं हो सकी. इनमें बढता सांप्रदायिक तनाव, क्षेत्रीय और जातीय तनाव, आतंकवाद और नक्सलवाद शामिल है.न्होंने कहा कि संसद को इन मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया.
सिंह ने कहा कि सरकार विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष आ रही मंदी जैसी कठिनाइयों के प्रभाव से भारत को बचाने की कोशिश कर रही है. ‘‘संसद को इन मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए थी. इन वैश्विक घटनाक्रम से निपटने के लिए हमारी आर्थिक रणनीति क्या हो, ऐसी बातों पर चर्चा नहीं होने दी गयी.’’
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