मनमोहन सरकार में फेरबदल की संभावना. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 सितंबर 2012

मनमोहन सरकार में फेरबदल की संभावना.


घोटालों और कुशासन के आरोपों से परेशान यूपीए सरकार चेहरा बदलना चाहती है। इसी कवायद के तहत कुछ मंत्रियों के छुट्टी होने और कुछ नए चेहरों को सरकार में शामिल किए जाने की संभावना है। सोनिया गांधी विदेश से लौट आई हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत में पितृपक्ष शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा। 

कहा जा रहा है कि मनीष तिवारी, मीनाक्षी नटराजन, ज्योति मिर्धा और मनिका टैगोर को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि सीनियर नेता जनार्दन द्विवेदी को कैबिनेट मंत्री का पद मिल सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिरंजीवी का आना भी लगभग तय माना जा रहा है और रेणुका चौधरी को भी मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। वहीं, राज्य मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस और के रहमान खान प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं।

सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल से एक-एक मंत्रालय का कार्यभार वापस लिया जा सकता है। खुर्शीद के पास फिलहाल अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय और कानून मंत्रालय हैं, जबकि सिब्बल के पास टेलिकॉम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुर्शीद से अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय और सिब्बल से मानव संसाधन विकास मंत्रालय वापस लिए जा सकते हैं।

गौरतलब है कि यूपीए सरकार की कैबिनेट में फिलहाल कम से कम 8 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं और कई मंत्री तो ऐसे हैं जिनके पास पार्टी में भी पद है। खुर्शीद और सिब्बल के अलावा वायलर रवि (लघु उद्योगमंत्रालय, साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, अर्थ साइंस और प्रवासी भारतीयों का मंत्रालय), वीरप्पा मोइली (पावर और कॉर्पोरेट अफेयर्स), आनंद शर्मा (कॉमर्स के साथ-साथ इंडस्ट्री ऐंड टेक्सटाइल), पवन कुमार बंसल (पार्लियमेंट्री अफेयर्स और वॉटर रिसोर्सेस) और कुमारी शैलजा (हाउसिंग ऐंड अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन और कल्चर) इनमें प्रमुख हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि आईपीएल की टीम कोच्चि की फ्रैंचाइची को लेकर उठे विवाद के कारण इस्तीफा देने वाले मंत्री शशि थरूर भी सरकार में वापसी को कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, चूंकि सिंतबर में आखिरी में पितृपक्ष शुरू हो रहा है इसलिए इससे पहले ही कैबिनेट में फेरबदल किए जाने की उम्मीद है। प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पश्चिम बंगाल से भी किसी उम्मीदवार के कैबिनेट में शामिल होने की संभावना है। इसके लिए दो नामों पर चर्चा हो रही है, जिसमें दीपा दास मुंशी और अधीर रंजन चौधरी का नाम शामिल है। वहीं, विलासराव देशमुख के निधन के बाद महाराष्ट्र की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर विलास राव मुत्तेमवार इस रिक्त पद को भर सकते हैं।

एक ओर, जहां नए चेहरों से कैबिनेट को नया लुक देने की कोशिश है तो कुछ विवादित चेहरों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर घिरे मंत्री सुबोध कांत सहाय को है, जिनका कैबिनेट से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। वहीं, कोलगेट में फंसे कांग्रेस के दूसरे मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का भविष्य अभी तय नहीं है।

 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फंसने के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्रियों दयानिधि मारन और ए. राजा के रिप्लेसमेंट की मांग डीएमके कर रही है। एस. जगतरक्षन का नाम भी कोल ब्लॉक आवंटन में अपने परिवार की फर्म को फायदा पहुंचने को लेकर सामने आ रहा है। ऐसे में यही संभावना है कि डीएमके की ओर से टीआर बालू और टीकेएस इलानगोवल कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं।

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