अमरीका के वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कड़ी आलोचना वाले अपने विवादास्पद लेख के कुछ हिस्से भारतीय पत्रिका कारवां से सीधे सीधे उठा लिए थे. वॉशिंगटन पोस्ट अख़बार ने ये बात स्वीकार करते हुए गलती मानी है.
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय पत्रिका कारवां (Caravan) की रिपोर्ट से कुछ अंश लिए थे. हालांकि अखबार ने गलती मानी है लेकिन कारवां से कोई माफी नहीं मांगी है. कारवां पत्रिका ने वर्ष 2011 में प्रधानमंत्री पर एक विश्लेषणात्मक लेखछापा था जिसे विनोद के जोस ने लिखा था. इस लेख के लिए विनोद के जोस ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा और प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारु समेत कई लोगों से बात की थी. वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कारवां के इस लेख में राम गुहा और संजय बारु के दिए गए बयानों को प्रमुखता से छापा लेकिन कारवां का ज़िक्र नहीं किया था.
जब यह बात सामने आई तो वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में करेक्शन छापते हुए कहा है कि कुछ टिप्पणियां कारवां मैगजीन से ली गई हैं.
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