इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा राजनीतिक दल के निर्माण के लिए सर्वेक्षण शुरू करने के एक दिन बाद पूर्व टीम अन्ना के कुछ प्रमुख सदस्यों और स्वंयसेवकों ने अन्ना हजारे से अरविंद केजरीवाल से नाता तोड़ने और भ्रष्टाचार विरोधी अराजनैतिक आंदोलन को पुनर्जीवित करने की मांग की।
अन्ना हजारे से यह अपील आज इंडिया अगेंस्ट करप्शन के स्वंयसेवकों की एक बैठक के बाद की गई। बैठक में शामिल लोग आंदोलन के राजनीतिक रंग लेने के खिलाफ थे। इनमें पूर्व टीम अन्ना कोर समिति सदस्य सुनीता गोधरा, एनएपीएम (नेशनल अलांयस फोर पीपुल्स मूवमेंट) आयोजक मधुरेश और ऑनलाइन कार्यकर्ता शिवेंद्र सिंह शामिल हुए। इन लोगों ने पहले आंदोलन के केजरीवाल केंद्रित किए जाने के कथित प्रयासों का विरोध किया था।
स्वयंसेवकों ने एक बयान में हजारे से मांग की कि वह जनलोकपाल के लिए दोबारा अराजनैतिक आंदोलन शुरू करें। स्वंयसेवकों ने कहा कि जनलोकपाल के लिए अलग अलग क्षेत्रों से और समर्थन बढ़ रहा है। बयान में कहा गया कि स्वंयसेवक राजनीति दल के निर्माण के खिलाफ हैं। इनमें से कुछ स्वंयसेवक हजारे से मिलने रालेगण सिद्धी जाएंगे और उनसे एक अलग आंदोलन और अपने कमान में एक सचिवालय के निर्माण की अपील करेंगे।
मधुरेश ने कहा कि आंदोलन असफल नहीं हुआ लेकिन इसे एक अस्थायी झटका लगा। समय की मांग यह है कि हम पूरी तरह से एक नया कदम शुरू की बजाय दोबारा और मजबूती के साथ वापसी करें। वहीं, गोधरा ने बैठक में कहा कि अगस्त में हुआ आंदोलन जल्दबाजी में वापस लिया गया और हजारे को इसे दोबारा जल्द शुरू करना चाहिए।
गोधरा ने पहले कहा था कि हजारे ने एक नोट वितरित किया था जिसमें उन्होंने आंदोलन के चरित्र में बदलाव को लेकर संदेह व्यक्त किए थे। बैठक में शामिल हुए स्वंयसेवक इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की नवंबर 2010 में हुई शुरुआत के बाद से इससे जुड़े हैं। बैठक में कई छात्र, वरिष्ठ नागरिक और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। बयान में कहा गया कि बैठक में लखनऊ, वाराणसी और रामपुर में आईएसी के नगर समन्वयक भी शामिल हुए। पूर्व टीम अन्ना के आंदोलन के राजनैतिक रंग लेने को लेकर टीम में दरार आ गई थी। किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े विरोध करने वाले प्रमुख सदस्यों में शामिल थे। केजरीवाल और अन्य सहयोगी गांधी जयंती के दिन अपने राजनीतिक दल के गठन की घोषणा करेंगे। यह लोग हजारे से कल मिले, हजारे ने उनसे जनता से व्यापक सुझाव लेने के लिए कहा है।
कहा जा रहा है कि हजारे राजनीतिक दल के गठन को लेकर बहुत उत्त्साहित नहीं हैं और पहले ही कह चुके हैं कि राजनीतिक दल के गठन की या फिर चुनाव लड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। कल यहां जारी किए गए एक बयान में केजरीवाल के नेतृत्व वाली आईएसी ने कहा था कि वह राजनैतिक विकल्प के मुद्दे पर देश भर में सर्वेक्षण करेगा।
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