मुखिया की हत्या के विरोध में विस में हंगामा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

मुखिया की हत्या के विरोध में विस में हंगामा.


बिहार में भोजपुर जिले में ग्राम पंचायत मुखिया की हत्या के विरोध में विधानसभा में राजद के सदस्यों हंगामा किया और सरकार से वक्तव्य की मांग की. राजद के विधायक दिनेश कुमार सिंह ने शून्य काल के दौरान मुखिया विनोद सिंह की हत्या का मामला उठाया. दिनेश कुमार सिंह और राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मुखिया विनोद सिंह की हत्या रणवीर सेना के प्रमुख ब्रहमेर मुखिया के बाद हत्या की दूसरी कड़ी है. इससे पूर्व की तरह कानून व्यवस्था बिगड़ने की समस्या हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि घात लगाये अज्ञात अपराधियों ने इचरी ग्राम पंचायत के मुखिया विनोद सिंह की हत्या कर दी. वह अपने घर जा रहे थे. वह अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान महासंघ के जिलाध्यक्ष थे जो निजी संगठन रणवीर सेना के गठन के बाद बना है. सरकार की ओर से जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान में लिया है. गहराई से छानबीन की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राजद के सदस्यों ने विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने भी प्रदर्शन किया जबकि सभी ने मिलकर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की. राजद के सभी सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की और अपराधियों की शीघ गिरफ्तार करने की मांग की. शून्य काल के दौरान विधान परिषद में जदयू सदस्य हुलास पांडेय ने भी यह मामला उठाया. जगदीशपुर विधायक दिनेश कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर एक कार्यस्थगन प्रस्ताव भी रखा जिसे विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने नामंजूर कर दिया. सिंह ने कहा इचरी ग्राम पंचायत मुखिया 1993 के इचरी नरसंहार के प्रमुख गवाह थे. उल्लेखनीय है कि ब्रहमेर मुखिया की हत्या के बाद एक और दो जून 2012 में आरा और पटना शहर में जमकर उपद्रव, हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी. 

कोई टिप्पणी नहीं: