संघ लोकसेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा की परीक्षा के स्वरूप में बदलाव को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंजूरी दे दी है. इसने नए प्रारूप का रास्ता साफ कर दिया है जिसमें सामान्य अध्ययन को अधिक महत्व दिया जाएगा. यह फैसला संघ लोकसेवा आयोग की एक समिति की सिफारिश पर आया है. यूपीएससी इस प्रतिष्ठित परीक्षा का आयोजन हर साल करती है.
वर्तमान में सिविल सेवा ‘मुख्य परीक्षा’ में सामान्य अध्ययन के दो प्रश्न पत्र 300-300 अंक के होते हैं. इसके साथ अनिवार्य और वैकल्पिक विषय होते हैं. नये बदलावों के तहत सामान्य अध्ययन के दोनों प्रश्नपत्रों को और महत्व दिया जाएगा. यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष अरूण एस निगवेकर की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने परीक्षण किया. इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री के समक्ष रखा गया.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव पीके मिश्रा ने कहा, ‘नए प्रारूप को कमोवेश ‘प्रधानमंत्री की’ मंजूरी मिल गई है. जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.’ कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मामलों के राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि यूपीएससी ने समिति की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सेवा ‘मुख्य’ परीक्षा के मौजूदा स्वरूप में कुछ बदलाव का सुझाव दिया था ताकि इसे मौजूदा समय के अनुसार अधिक प्रासंगिक बनाया जा सके. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना में नए प्रारूप का विवरण होगा. यूपीएससी ने इस साल की सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अधिसूचना जारी किए जाने पर रोक लगा रखी है. इसे पहले इस महीने की शुरूआत में जारी किया जाना था.
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