सरकार ने देश के 82 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसमें हर महीने पांच किलो सस्ता अनाज देने का कानूनी प्रावधान किया गया है। हर गरीब को तीन रुपये किलो चावल और दो रुपये किलो गेहूं दिया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिल को इसी हफ्ते संसद में पेश किए जाने की संभावना है।
यूपीए सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ा खाद्य सुरक्षा विधेयक एक बार फिर संसद में पेश होने वाला है। केंद्रीय कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में इस विधेयक के संशोधित मसौदे को हरी झंडी मिल गई। मसौदे के मुताबिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अनाज पाने वाली देश की करीब 67 फीसदी आबादी को हर महीने सस्ता अनाज पाने का कानूनी हक होगा। यानी करीब 82 करोड़ लोगों को इसका फायदा होगा। हर व्यक्ति को महीने में पांच किलो अनाज मिलेगा। यानी औसतन पांच लोगों के परिवार को 25 किलो अनाज प्रतिमाह योजना के तहत चावल 3 रुपये प्रति किलो, गेहूं 2 रुपये प्रति किलो और मोटा अनाज 1 रुपये प्रति किलो मिलेगा।
तीन साल तक सरकार दाम में किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेगी। इसके बाद ही दाम की समीक्षा की जा सकेगी। केंद्र सरकार की तरफ से तय किए गए मापदंडों के आधार पर राज्य सरकारें लाभार्थियों की सूची बनाएंगी। पूरी योजना लागू करने में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपयों का खर्च आएगा। अंत्योदय अन्न योजना के तहत अनाज पाने वाले लगभग 32 करोड़ लाभार्थियों को 7 किलो अनाज पहले की तरह मिलता रहेगा।
इसके पहले इस विधेयक को 2011 में संसद में पेश किया गया था। जिसमें प्रति व्यक्ति 7 किलो अनाज दिए जाने का प्रावधान किया गया था। बाद में इसे संसदीय स्थाई समिति के पास भेजा गया जिसने 5 किलो अनाज देने की सिफारिश की। सरकार ने स्थाई समिति की सिफारिश मान ली। वैसे सरकार में इस विधेयक को लेकर आम राय नहीं रही है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम, कृषि मंत्री शरद पवार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया समय-समय पर अपनी आपत्ति जता चुके हैं। चिदंबरम को इस योजना से खाद्य सब्सिडी पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ की चिंता है। जबकि शरद पवार का मानना रहा है कि कृषि क्षेत्र में अनियमित उत्पादन से योजना खटाई पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में दाम पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बहरहाल सरकार ने बिल से जुड़ी हर मुश्किल को दूर करने की ठान ली है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब ये बल इसी हफ्ते लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
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