मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में दुष्कर्म रोधी विधेयक के अंतर्गत आपसी सहमति से शारीरिक सम्बंध बनाने की उम्र को 16 वर्ष की जगह 18 रहने देने पर सहमति बन गई। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सोमवार की सुबह इसी मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक के क्रम में सोमवार की शाम मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में दिए गए सुझाव के आधार पर सरकार सहमति की उम्र 18 वर्ष ही रहने देने पर सहमत हो गई। सूत्रों के अनुसार सहमति की उम्र घटाकर 16 वर्ष किए जाने का विरोध करने वाले दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा समाजवादी पार्टी (सपा) भी शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सहमति की उम्र 16 वर्ष थी जिसे इसी वर्ष फरवरी में सरकार द्वारा लागू किए गए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश में परिवर्तित कर 18 वर्ष कर दिया गया था। हालांकि इसी वर्ष सरकार द्वारा प्रस्तावित आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2013 के तहत मंत्रालयों के आपसी विचार-विमर्श के बाद सहमति की उम्र घटाकर 16 वर्ष करने पर सरकार राजी हो गई थी।
सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय बैठक में कई दलों ने सहमति की उम्र बढ़ाकर 18 वर्ष किए जाने का सुझाव दिया क्योंकि विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है।
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