अक्षर प्रेमियों का समागम पटना पुस्तक मेला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 16 मार्च 2013

अक्षर प्रेमियों का समागम पटना पुस्तक मेला


कहा जाता है कि पुस्तकों से अच्छा मित्र कोई नहीं होता। इस पंक्ति को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला में पुस्तक प्रेमी अक्षरश: साबित कर रहे हैं। मेले में बच्चों, युवकों, महिलाओं और बुजुर्गो की भीड़ उमड़ रही है। सभी अपनी पसंदीदा पुस्तकें खरीद रहे हैं।  पूर्व राष्ट्रपति ए़ पी़ ज़े अब्दुल कलाम की पुस्तकें तो पुस्तक प्रेमियों की पसंद बनी ही हुई हैं, साथ ही विवादित पुस्तकों की भी खूब मांग है।

सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) के बैनर तले 24 मार्च तक चलने वाले इस मेले में प्रतिदिन पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ रहा है। शाम के समय प्रकाशकों के स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की अधिक भीड़ देखी जा रही है। स्कूली बच्चे जहां अपने अभिभावकों के साथ पुस्तक खरीदने आ रहे हैं, वहीं कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी पसंदीदा पुस्तक की तलाश में पुस्तक मेले पहुंच रहे हैं। कई बुजुर्ग पुस्तक प्रेमी भी पुस्तक मेले में अपनी पसंद की पुस्तक की खोज कर रहे हैं। पुस्तकों की जमकर बिक्री होने से प्रकाशक भी खुश हैं।

मेले में जागरूकता कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक और जनसंवाद भी आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सके। धर्मवीर भारती के उपन्यास 'गुनाहों का देवता' का जादू आज भी कायम है। तस्लीमा नसरीन की 'लज्जा' भी युवाओं को आकर्षित कर रही है। राजकमल प्रकाशन के आमोद महेश्वरी ने कहा कि पटना पुस्तक मेले में वह काफी उम्मीद से आते हैं और यहां के पुस्तक प्रेमी भी कभी प्रकाशकों को निराश नहीं करते।

प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर महात्मा गांधी की पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' तथा अब्दुल कलाम की पुस्तक 'जीवन वृक्ष' और 'अग्नि की उड़ान' खूब बिक रही हैं। चेतन भगत की पुस्तक 'वन नाइट एट कॉल सेंटर' युवा पुस्तक प्रमियों की पहली पसंद बनी हुई है। पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित अरुण सिन्हा की पुस्तक 'नीतीश कुमार एंड द राइज ऑफ बिहार' और राजपाल एंड संस से प्रकाशित अशोक चक्रधर की पुस्तक 'चक्रधर चमन में' भी मेले में खूब बिक रही है। प्रकाशक मेले में पुस्तक प्रेमियों की बढ़ती संख्या से खुश हैं।

वाग्देवी प्रकाशन के विपणन प्रबंधक महेश जोशी ने कहा, "हमारे पास हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं, क्योंकि हम हर वर्ग की पसंद का खयाल रखकर पुस्तकें छापते हैं। यहां बिहार का काफी विकास हुआ है और लोग सक्रिय भी हुए हैं।" इस पुस्तक मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादमी, ऑक्सफोर्ड, वाणी, राजकमल, प्रभात प्रकाशन, एकलव्य प्रकाशन, आधार प्रकाशन समेत देश के करीब 300 प्रकाशकों के स्टॉल लगे हुए हैं।

मेला आयोजन समिति के संयोजक अमित झा ने सोमवार को बताया कि करीब दो लाख वर्गफीट में लगे इस मेले में 300 से ज्यादा प्रकाशकों के लिए 750 स्टॉल लगाए गए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: