कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने सांप्रदायिक शक्तियों और विचारधारा के खिलाफ पुरजोर संघर्ष छेड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि संप्रग सरकार द्वारा शुरू की गई विकास योजनाएं 'क्रांतिकारी' हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के इस ग्रामीण इलाके में कांग्रेस के दिवंगत नेता ए.बी.ए. गनी खान चौधरी के नाम पर एक अभियंत्रण संस्थान की आधारशिला रखने के बाद सोनिया ने कहा, "हमें सांप्रदायिक शक्तियों और विचारधाराओं से अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ना चाहिए।"
मुस्लिम बहुल इस जिले में उन्होंने कहा, "हमारी ताकत इसी में निहित है कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं। और यही हमारी पूंजी है। कांग्रेस इस पूंजी की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है।" पश्चिम बंगाल में मालदा उन थोड़े से जिलों में शामिल है जहां कांग्रेस का जनाधार है, लेकिन अब उसे राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से गंभीर चुनौती मिल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र में उनकी पार्टी नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की योजनाओं का लक्ष्य अल्पसंख्यक और ग्रामीण आबादी के अलावा महिलाओं की बेहतरी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और भारत निर्माण का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा, "मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जब से संप्रग सरकार केंद्र में सत्ता में आई है, इसने ऐसी क्रांतिकारी योजनाएं शुरू की हैं जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक आधारशिलाएं मजबूत हुई हैं।"
पंचायती निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण, आंगनवाड़ी सेविकाओं के मानदेय में वृद्धि, निर्भया कोष और महिला बैंक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए कानून लाने जा रही है और खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने के प्रयास में है, ताकि कोई भूखा न रहे। मुस्लिमों को रिझाने के मकसद से उन्होंने जिक्र किया कि आजाद भारत में पहली बार अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया है।
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