वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा है कि डीएमके के समर्थन वापसी के बावजूद केंद्र सरकार को कोई ख़तरा नहीं है. डीएमके की घोषणा के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र में यूपीए के पास बहुमत है और सरकार स्थिर है. संवाददाताओं से बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर द्रमुक के संसद में एक प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग पर सरकार चर्चा कर रही है.
सरकार से समर्थन वापसी के बाद डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने कहा कि 21 मार्च से पहले संसद यदि इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दे तो द्रमुक अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिये तैयार है. द्रमुक के लोकसभा में 18 सदस्य हैं और उसके बाहर निकलने के साथ ही सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या घटकर 224 रह गई है. हालांकि संप्रग को अभी भी 281 सांसदों का समर्थन हासिल है जिनमें बाहर से समर्थन कर रही पार्टियां शामिल हैं.
सदन में समाजवादी पार्टी के 22 सदस्य और बसपा के 21 सदस्य सहित 57 सदस्य सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं जिससे संप्रग 272 के जादुई आंकड़े को प्राप्त करती है. चिदंबरम ने कहा कि संसद में प्रस्ताव पारित करने की द्रमुक की मांग पर सरकार विचार विमर्श कर रही है. चिदंबरम ने कहा, ‘‘ सरकार की स्थिरता और सरकार का बने रहना मुद्दा नहीं हैं. सरकार पूरी तरह स्थिर है और उसे लोकसभा में बहुमत हासिल है.’’
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