पोप फ्रांसिस के गोवा आगमन की सम्भावना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

पोप फ्रांसिस के गोवा आगमन की सम्भावना


वेटिकन के नए पोप फ्रांसिस, 2014 में अग्रणी ईसाई संत फ्रांसिस जेवियर को श्रद्धांजली देने गोवा आ सकते हैं। यह जानकारी चर्च के एक पादरी ने दी। इसी चर्च में भारत आने वाले शुरुआती ईसाई मिशनरियों में से एक संत फ्रांसिस जेवियर का पार्थिव शरीर रखा हुआ है।  गोवा के सबसे पुराने चर्चो में से एक, बैसीलिका ऑफ बॉम जीसस के पादरी, फादर सेवियो बारेटो के अनुसार ईसाइयों के शीर्ष धर्मगुरु, पोप फ्रांसिस प्रथम के गोवा आने की संभावनाएं प्रबल हैं। 

बारेटो ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "पोप फ्रांसिस प्रथम को बुलाए जाने के सम्बंध में हमसे कइयों ने पूछताछ की। हम भी उन्हें बुलाने वाले हैं तथा केंद्र सरकार से वेटिकन सिटी को एक औपचारिक निमंत्रण भेजे जाने का अनुरोध करेंगे।"

सन 1500 के शुरुआती दशक में स्पेन से भारत आकर गोवा में ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले, संत फ्रांसिस जेवियर की मृत्यु 1552 में चीन के शांगचुआन में हुई थी, जहां से उन्हें पहले (वर्तमान में मलेशियाई शहर) मलक्का ले जाया गया और 1553 में उनका पार्थिव शरीर गोवा के भव्य चर्च बैसीलिका ऑफ बॉम जीसस में लाकर सुरक्षित रख दिया गया।

कोई टिप्पणी नहीं: