लोकसभा में वित्त विधेयक पारित, विपक्ष का वाकआउट. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

लोकसभा में वित्त विधेयक पारित, विपक्ष का वाकआउट.


लोकसभा ने मंगलवार को मामूली संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2013-14 पारित कर दिया. विधेयक में 12 मामूली संशोधन किए गए. सबसे महत्वपूर्ण संशोधन कृषि भूमि पर संपत्ति कर से संबंधित है. संशोधन विधेयक के मुताबिक, कृषि भूमि पर कोई संपत्ति कर नहीं लगेगा. इस दौरान कोलगेट का विरोध करते हुए विपक्षी पार्टियां सदन से बाहर चली गईं.

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट भाषण में शहरी क्षेत्रों के चारों ओर आठ किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाली कृषि भूमि के मूल्य पर एक फीसदी संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव रखा था. विधेयक पर मतदान होने से पहले चिदंबरम ने लोकसभा में कहा कि चिंता जताई जा रही थी कि संपत्ति कर कृषि भूमि पर लगाया जा रहा है. मैं यह स्पष्ट कर दूं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की नीति कृषि भूमि पर संपत्ति कर लगाने की नहीं है. विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया.

विधेयक पारित होने के साथ ही 28 फरवरी को वित्त मंत्री के बजट भाषण के साथ शुरू हुई बजटीय प्रक्रिया पूरी हो गई. इस विधेयक को अब राज्यसभा में भेजा जाएगा. इसके बाद उसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा. राज्यसभा इस विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव रख सकती है, लेकिन इसमें संशोधन नहीं कर सकती, क्योंकि यह धन विधेयक है. विधेयक के पारित होने के बाद चिदंबरम ने संवाददाताओं से बात में उम्मीद जताई कि वित्त विधेयक 2013-14 पर राज्यसभा में बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि राज्यसभा में इस पर बहस होगी या नहीं, लेकिन मैं इस पर बहस चाहूंगा. लोकसभा में वित्त विधेयक का बिना बहस पारित होना एक दशक में ऐसी पहली घटना है.

गौरतलब है कि वित्त विधेयक को प्रस्तुत किए जाने के बाद 75 दिनों के भीतर संसद के दोनों सदनों से पारित कराना होता है और इसके बाद इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते हैं. इसकी समय सीमा 14 मई को पूरी हो रही थी. लोकसभा में पारित होने के बाद विधेयक को राज्यसभा में 14 दिनों के भीतर पारित कराना होता है.
चिदंबरम ने यह भी कहा कि इसके अलावा कई अन्य वित्त विधेयक भी पारित होने हैं. चिदंबरम ने कहा कि वित्तीय मामले अभी खत्म नहीं हुए हैं. अभी पेंशन विधेयक, बीमा विधेयक और कई अन्य विधेयकों पर चर्चा होना बाकी है.

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