बिहार में उत्पादकता बढ़ाने के लिए परमाणु तकनीक का उपयोग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 10 अप्रैल 2013

बिहार में उत्पादकता बढ़ाने के लिए परमाणु तकनीक का उपयोग


बिहार के खेतों में उत्पादन बढ़ाने के लिए अब परमाणु तकनीक का सहारा लिया जाएगा। इसके तहत न केवल उत्पादनों में वृद्धि की जाएगी, बल्कि फलों एवं सब्जियों को ताजा रखने में भी मदद मिलेगी। भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति एम. एल. चौधरी ने बुधवार को बताया कि राज्य की खेती में परमाणु तकनीक को लगातार सफलता मिल रही है। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का एक दल अगले महीने मुंबई जाएगा, जहां भाभा परमाणु शोध केंद्र के वैज्ञानिकों से फसलों पर चर्चा की जाएगी और परमाणु तकनीक के उपयोग से फलों एवं सब्जियों, खासकर आम व लीची को अधिक दिनों तक ताजा रखने की जानकारी ली जाएगी।

चौधरी के अनुसार, इस उर्जा के उपयोग से लीची को 48 दिनों तक, केला व आम को 30 दिनों तक और आलू व प्याज को 120 से अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर भाभा परमाणु शोध केंद्र तथा दिल्ली स्थित परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के बीच मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें इस मामले पर चर्चा की गई।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति का मानना है कि इसके उपयोग से न केवल उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि फसलों की प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि की जा सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फलों और सब्जियों में वृद्घि के विस्तार के लिए कोबाल्ट-60 के जरिये गामा रे का उपयोग किया जाता है। केलों में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए इसका उपयोग पहले ही किया जा चुका है।

कोई टिप्पणी नहीं: