बिहार में जल संसाधन विभाग के छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों के समर्थन में कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत होने पर विरोध में विपक्षी दल राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने सोमवार को विधानसभा परिषद में हंगामा करते हुए दो बार सदन की कार्यवाही बाधित की। नेता प्रतिपक्ष गुलाम गौस ने आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग को 24 अप्रैल 2012 को छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों को परिषद के तत्कालीन सभापति ने नियमित कर सचिवालय को सूचना देने का निर्देश दिया था। इसका पालन नहीं हुआ है, इसलिए कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर कर चर्चा कराई जाए।
परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने नियमानुकूल प्रस्ताव नहीं होने के कारण इसे स्थगित कर दिया। इसके विरोध में राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया और पांच मिनट तक कार्यवाही चलने नहीं दी। शून्यकाल के दौरान भी सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा किया। बाद में सभापति ने प्रस्ताव को दूसरे स्वरूप में लाने को कहा, जिसके बाद कार्यवाही चल सकी।
गौस के साथ साथ राजद के नवल किशोर यादव, तनवीर हसन, मिश्रीलाल यादव, रोमा भारती, कांग्रेस की सदस्य ज्योति ने हंगामा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में उपस्थित थे। नवल किशोर यादव ने कहा कि नौकरशाह सदन के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
सभापति ने कहा कि सारे विषय को देखने के बाद ही वह कोई निर्णय करेंगे। बहरहाल शून्यकाल के दौरान भी विपक्ष के सदस्यों ने मुजफ्फरपुर जिले में सकरा थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को लेकर हंगामा किया। बाद में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ने इसे संज्ञान में लिया है और कार्रवाई की जाएगी।
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