छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य नंदकुमार साय ने सोमवार को कहा कि पिछले दिनों उनके ऊपर लगा बहू को प्रताड़ित करने का आरोप बेबुनियाद है। "वास्तव में मेरी बहू हेमवंती साय मानसिक रोगी है और उसका इलाज वर्ष 2007 से ही चल रहा है।" साय ने यह खुलासा अपने बंगले में आयोजित प्रेस वार्ता में किया। उन्होंने कहा कि हेमवंती साय मानसिक रूप से बीमार है। इसी वजह से दो माह पूर्व उसे मायके भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बहू हेमवंती साय ने सांसद साय के परिवार पर आरोप लगाया था कि उसे 'टोनही' कहकर घर से निकाल दिया गया है। उससे बच्चे छीन लिए गए हैं और उसके पति और ससुर ने उसे चप्पल से पीटा और चाकू दिखाया। सांसद साय ने कहा कि उनके बहू की मानसिक बीमारी को लेकर सामाजिक पंचायत में मामला लंबित है। इस पर अंतिम सुनवाई 28 अप्रैल को होनी है। साय ने वार्ता में हेमवंती साय की दवाइयों की पर्चियां भी दिखाईं। साय ने कहा कि इस मामले में देर से प्रेस के सामने आने का कारण सामाजिक व्यवस्था के तहत अनुमति लेना था। उन्होंने कहा कि उनका परिवार वर्ष 2007 से ही इस समस्या से ग्रस्त है।
साय के साथ वार्ता में मौजूद उनके पुत्र अरविंद साय ने बताया कि वर्ष 2007 में जब उसकी पत्नी हेमवंती साय एक दिन अचानक जंगल चली गई तो उसकी मानसिक बीमारी के बारे में पता चला। वह अपनी पत्नी की बीमारी के चलते चिंतित रहते हैं। यह पूछे जाने पर कि अगर मानसिक बीमारी का सही इलाज हो जाता है तो क्या वे अपनी बहू को अपनाने को तैयार हैं, जवाब में साय ने कहा कि मामला सामाजिक पंचायत में है। पंचायत का निर्णय उन्हें स्वीकार्य होगा।

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