लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी इलाके में चीनी सेना ने एक और टेंट गाड़ लिए हैं। वहां उन्होंने अपनी सुरक्षा और चौकसी के लिए खूंखार मोलोसर कुत्ते भी तैनात कर दिए हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस तरह इस इलाके में चीन द्वारा गाड़े गए टेंटों की संख्या अब पांच हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक चीन ने इस तरह अपना रुख और कड़ा कर लिया है। दौलत बेग ओल्दी की देपसांग घाटी में पहली बार 15 अप्रैल को चीनी सेना द्वारा अपने टेंट लगाए जाने को भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने देखा था। इसके बाद भारत की ओर से विभिन्न स्तरों पर यह मसला उठाया गया, लेकिन चीन ने किसी तरह की घुसपैठ से साफ इनकार किया है।
यहां मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने नए टेंट लद्दाख में बुर्त्से से 70 किलोमीटर दक्षिण में गाड़े हैं। इन टेंटों पर चीनी सेना ने अंग्रेजी में लिखा है कि आप चीन के इलाके में हैं। सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक ए के एसॉल्ट राइफलों से लैस हैं। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने ये अतिरिक्त टेंट दो फ्लैग मीटिंग के बेनतीजा होने के बाद लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों द्वारा देखे जाने की वजह से चीनी सैनिकों ने कुछ पीछे हट कर अपने टेंट लगाए, जो कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से 19 किलोमीटर पीछे है।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने चीनी घुसपैठ से निबटने को लेकर विपक्ष के केंद्र सरकार पर हमले के बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोमवार को कहा कि यह अपना महत्व जताने का नहीं, बल्कि एक स्वर में आवाज बुलंद करने का समय है। खुर्शीद ने कहा, 'देश को साफ संकेत देना चाहिए कि हम एक स्वर में बोलते हैं। सरकार वह करेगी जो राष्ट्र हित में सर्वश्रेष्ठ है और मुझे लगता है कि हमें कुछ भी जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी ने मांग की कि सरकार चीन घुसपैठ के मामले पर अपना रुख और स्थिति साफ करे और यह भी बताए कि यह चीनी घुसपैठ है या चीन की सेना का कोई नियमित अभ्यास। क्योंकि सरकार के कई मंत्री यह बयान दे रहे हैं कि चीनी सैनिकों का भारत की सीमा में घुसपैठ सामान्य सी बात है। बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने मीडिया से कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर इस घुसपैठ की असलियत क्या है?
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