भारत और जर्मनी आज आपसी सहयोग का दायरा बढाने और व्यापार, द्विपक्षीय निवेश, उर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी एवं रक्षा क्षेत्र पर ध्यान देते हुए भविष्य तय करने पर सहमत हुये। दोनों देशों ने व्यापक, महत्वकांक्षी और संतुलित एफटीए के लिए यूरोपीय संघ-भारत की वार्ताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी। दोनों पक्ष सभी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सहयोग बढ़ाने पर भी राजी हुये।
दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुये कि वे परमाणु समग्री निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत को एक पूर्णकालिक सदस्य के रूप में स्थान दिलाने की जमीन तैयार करने के लिए मिल कर काम करेंगे। bharat और जर्मनी के बीच सरकारी स्तर की वार्ताओं का दूसरा दौर पूरा होने के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत-जर्मनी सहयोग से दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिये अैर अच्छी संभावनाओं के रास्ते खुले हैं।
बयान में कहा गया है, जर्मनी और भारत इस बात से सहमत हैं कि व्यापार, द्विपक्षीय निवेश, ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, संस्कृति, शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और रक्षा के क्षेत्रों में नयी पहल द्विपक्षीय संबंधों में और अधिक संभावनाओं को उत्प्रेरित और सक्रिय करेगी।
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