मनोज कुमार ने शाहरुख और फराह पर आपराधिक मामला दर्ज कराया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

मनोज कुमार ने शाहरुख और फराह पर आपराधिक मामला दर्ज कराया.


 मशहूर अभिनेता मनोज कुमार ने फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के एक दृश्य से कथित तौर पर उनकी छवि खराब होने के मामले में शाहरुख खान और फराह खान पर एक स्थानीय अदालत में आपराधिक मामला दर्ज कराया है.

मनोज कुमार ने दोनों पर आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, मानहानि और साजिश रचने जैसे अपराधों के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. पूरा मामला 2007 का है जिस साल रिलीज हुई ‘ओम शांति ओम’ के एक दृश्य में शाहरुख ने कथित तौर पर मनोज कुमार का मजाक उड़ाया है.

कथित तौर पर इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि मनोज कुमार को एक शो के दौरान एक ऑडिटोरियम में नहीं घुसने दिया जाता. कुमार ने 2008 में भी इस दृश्य पर विरोध दर्ज कराते हुए मानहानि का मामला दर्ज किया था लेकिन जब शाहरुख ने निजी तौर पर उनसे माफी मांगकर इस दृश्य को हटाने का आश्वासन दिया तो मामला वापस ले लिया गया. शहर की दीवानी अदालत ने भी 2008 में शाहरुख को निर्देश दिया था कि टीवी चैनलों पर फिल्म के प्रसारण से पहले विवादास्पद दृश्य को फिल्म में से हटा लिया जाए.

मनोज कुमार ने मंगलवार को अपने वकील अशोक सरोगी के माध्यम से अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दर्ज शिकायत में कहा है कि हाल ही में इस फिल्म को जापान में रिलीज किया गया जिसके बाद उन्हें फोन आने लगे कि फिल्म में उनकी खिल्ली उड़ाने वाला दृश्य अब भी है. शिकायत के मुताबिक, ‘फरियादी (कुमार) को यह भरोसा दिलाया गया था कि फिल्म से दृश्य को हटा लिया गया है.

हालांकि इसे हटाया नहीं गया और आरोपियों (शाहरुख और फराह) ने फिल्म के लिए सस्ती लोकप्रियता और कारोबार हासिल करने तथा इससे पैसा कमाने की कोशिश की है.’ मनोज कुमार का आरोप है कि आरोपियों ने सभी जगहों पर इसी आपत्तिजनक दृश्य को दिखाने की साजिश रची और इस तरह उन्हें अंधेरे में रखकर अवैध तरीके से लाभ कमाया. इस तरह से उनके साथ धोखाधड़ी हुई है.

मनोज कुमार ने मामले की पूरी तरह पुलिस से जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि चूंकि फिल्म के मूल निगेटिव और इलेक्ट्रानिक मास्टर प्रिंट आरोपियों के पास ही हैं इसलिए उचित जांच जरूरी है. मजिस्ट्रेट ने मामले में सुनवाई इस सप्ताहांत तक स्थगित करते हुए आज निर्देश दिया कि फिल्म की एक प्रति अदालत में प्रस्तुत की जाए जिसमें कथित आपत्तिजनक दृश्य हो.

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