वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे में आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने गुरुवार को कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अभी तक यह साबित नहीं हो पाया है कि वह अपराध के समय घटनास्थल पर मौजूद थे। गवाह दबाव में आकर उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं। दिल्ली की एक अदालत द्वारा दंगा संबंधी मामला फिर से खोलने का आदेश दिए जाने के एक दिन बाद टाइटलर ने कहा, "गवाह सुरिंदर सिंह पांच बार अपना बयान बदल चुका है और उसके बेटे ने अमेरिका से फोन कर कहा है कि उसके पिता पर मेरे खिलाफ बयान देने का दबाव है।"
सीएनएन-आईबीएन को दिए एक साक्षात्कार में टाइटलर ने कहा, "मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है..आज तक किसी ने भी मेरे ऊपर सवालिया निशान नहीं लगाया।" उन्होंने कहा, "मेरा नाम सुरिंदर सिंह और जसबीर सिंह के बयान के बाद दोबारा सामने आया है। सुरिंदर सिंह ने पहले अंग्रेजी में बयान दिया और फिर उसने गुरमुखी में लिखित बयान दिया। मैं यह जानना चाहता हूं कि क्यों फूलका (वरिष्ठ वकील एच.एस फूलका) ने सुरिंदर सिंह को लिखित बयान देने के लिए बाध्य किया।" उन्होंने कहा, "आप जानते हैं जसबीर सिंह एक भगोड़ा है? वह अदालत में वांछित है। आप जानते हैं कि सीबीआई ने यह पाया कि वह दिल्ली में नहीं था, जोधपुर में था।"
टाइटलर 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के एक गुरुद्वारे में शरण लिए तीन लोगों की हत्या करने वाली भीड़ की अगुआई करने के आरोप का सामना कर रहे हैं। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे के तहत ही भीड़ ने यह हमला किया था। टाइटलर ने कहा, "उसके पिता ने कहा सुरिंदर सिंह झूठ बोल रहा है। मैं आपको सीबीआई को दिया शपथपत्र दिखा सकता हूं। उसके भाई ने भी कहा कि वह झूठ बोल रहा है, मैं उसके साथ था। गुरुद्वारा के सचिव ने कहा कि वह झूठ बोल रहा है। आखिर में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जिसमें कहा कि मैं झूठ बोलने के लिए माफी चाहता हूं।"

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