इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में सेक्स-क्षमता, मोटापा व तंत्र मंत्र के विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर की गई। लखनऊ निवासी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दायर इस जनहित याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति उमा नाथ सिंह और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र सुवनाई करेंगे।
जनहित याचिका में कहा गया कि लोगों को फर्जी और गलत किस्म के चिकित्सकीय इलाजों के चक्कर से बचाने के लिए संसद द्वारा औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 पारित किया गया। इस कानून के बनने के साठ साल बाद भी इसका जमकर उल्लंघन हो रहा है।
याचिका में मांग की गई कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय, रजिस्टार ऑफ न्यूजपेपर्स फॉर इंडिया (आरएनआई) तथा डायरेक्ट्रेट ऑफ एडवटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी (डीएवीपी) को यह सुनिश्चित करने को निर्देशित किया जाए कि किसी भी समाचारपत्र तथा टीवी चैनल पर इस प्रकार के गैर-कानूनी विज्ञापन प्रकाशित या प्रसारित नहीं किए जाएं। यदि ऐसे विज्ञापन छपते या प्रसारित होते हैं तो संबंधित समाचार पत्र या टीवी चौनल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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