छत्तीसगढ़ में बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर प्रदेश के लोकप्रिय कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा की अंत्येष्टि में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार शाम गृहग्राम फरसपाल में कर्मा को गार्ड ऑफ ऑर्नर दिए जाने के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर विलंब से पहुंचे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आर.पी.एन. सिंह को फरसपाल में लोगों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा। सिंह के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक भी अंत्येष्टि में शामिल होने फरसपाल पहुंचे। ज्ञात हो कि शनिवार की शाम सुकमा जिले के दरभा घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला किया था जिसमें बस्तर के कद्दावर नेता महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल व राजनांदगांव के पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत नौ कांग्रेसी नेताओं तथा आठ सुरक्षा जवान सहित कुल 28 लोगों की मौत हो गई।
लोगों को झकझोर देने वाली इस घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया। रविवार शाम कर्मा के पार्थिव शरीर को गृहग्राम फरसपाल लाया गया था। अपने लोकप्रिय नेता के अंतिम दर्शन करने लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा। हर कोई उन्हें अंतिम बार एक झलक देखने को बेताब हो रहा था। सोमवार सुबह से ही कर्मा के घर पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। हजारों लोगों ने अपने दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर पर पुष्पगुच्छ चढ़ाकर अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कर्मा के पार्थिव शरीर को देख हर किसी की आंखें भर आईं। सुबह से ही मुख्यमंत्री, राज्यपाल समेत कई दिग्गज नेताओं के पहुंचने की चर्चा रही। मगर काफी इंतजार के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे। इस कारण लोगों में आक्रोश देखा गया।
शाम लगभग चार बजे केंद्रीय मंत्री आर.पी.एन. सिंह व मुकुल वासनिक हेलीकॉप्टर से फरसपाल पहुंचे। वहां पहुंचते ही दोनों केंद्रीय नेताओं को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। विलंब से पहुंचने की वजह से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की तथा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। महेंद्र कर्मा के ज्येष्ठ पुत्र दीपक कर्मा दोपहर दो बजे दिल्ली से फरसपाल पहुंचे। दोपहर सवा तीन बजे शवयात्रा निकाली गई। महेंद्र कर्मा के पांचों पुत्रों ने एक साथ अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, जिला पुलिस बल के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था।

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