छतीसगढ़ में नक्सली हमले में बुरी तरह घायल कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल की तबीयत में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन उनकी स्थिति अभी नाजुक बनी हुई है। यह जानकारी उनकी देखरेख कर रहे चिकित्सकों ने मंगलवार को दी। शुक्ल का इलाज कर रहे मेदांता मेडिसिटी के एक चिकित्सक ने बताया, "उनकी तबीयत में कुछ सुधार हुआ है। हम आशान्वित हैं। लेकिन उनकी स्थिति अभी भी नाजुक है और अधिक उम्र के कारण स्वस्थ होने में कुछ वक्त लगेगा। वह अभी भी गहन चिकित्सा कक्ष में हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है लेकिन वह होश में हैं।"
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में शनिवार को हुए नक्सली हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री 84 वर्षीय शुक्ल को तीन गोलियां लगी थीं, जिसके कारण उनके शरीर से ढेर सारा रक्त निकल गया था। इस हमले में दो वरिष्ठ नेताओं सहित लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी। शुक्ल को हवाई एंबुलेंस से रविवार को दिल्ली लाया गया था। उन्हें गुड़गांव के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को उनसे अस्पताल में भेंट की थी। शुक्ल पुराने कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने विद्याचरण शुक्ल को 1966 में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था।

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