भड़काऊ भाषण और हिंसा भड़काने के लिए उकसाने के आरोप में पिछले दिनों बरी हुए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी(सपा) सरकार ने बुधवार को पीलीभीत सत्र न्यायालय में एक याचिका दायर कर वरुण गांधी को बरी करने वाले फैसले को चुनौती दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस याचिका पर आगामी दस जून को सुनवाई होगी। मुस्लिम समुदाय के नेताओं द्वारा आरोप लगाया गया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव भाजपा सांसद वरुण गांधी को लेकर नरम रुख अपना रहे हैं, जिसके बाद समाजवादी पार्टी(सपा) सरकार द्वारा ये कदम तब उठाया गया है।
माना जा रहा है कि अपने सबसे बड़े वोट बैंक-मुस्लिम समुदाय की नाराजगी से बचने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा न्याय विभाग के अधिकारियों को याचिका दायर करने के निर्देश दिए गए, जिससे कि ये संदेश जाए कि राज्य सरकार का रूख वरुण को लेकर सख्त है। बीते दिनों पीलीभीत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने वरुण गांधी को भड़काऊ भाषण के दो मामलों में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वरुण गांधी ने कथित रूप से पीलीभीत में एक समुदाय को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था। बाद में इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी वह करीब पंद्रह दिन तक जेल में भी रहे थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें