- सुपौल जिले के अमूमन हरेक प्रखंडों की यही स्थिति है और आज भी कहीं शिक्षक अधिक हैं तो छात्र कम और छात्र अधिक है तो शिक्षक कम। नतीजतन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और सरकारी दावे टांय टांय फिस्स साबित हो रहे हैं
कुमार गौरव, सुपौल: भले ही सूबाई सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए जाने का भरपूर दम भरे लेकिन हकीकत कुछ और हीं बयां करती हैं। सरकारी स्कूलों में न तो शिक्षक छा़त्र का अनुपात जहां बेहद निराशाजनक है वहीं बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं भी नदारद है। मसलन जिले के कई सरकारी स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए न तो बेंच डेस्क ही नसीब है और न ही मिड डे मील। लिहाजा तमाम दावों के बावजूद आज भी बच्चे खुले आसमान के तले ककहरा सीखने को मजबूर हैं। हालांकि प्रशासनिक अमला महज बैठकें कर कागजी तौर पर स्कूलों के बेहतरी का दावा करते नहीं थकते जबकि हकीकत बेहद निराशाजनक है। सुपौल जिले के अमूमन हरेक प्रखंडों की कमोबेश यही स्थिति है और आज भी कहीं शिक्षक अधिक हैं तो छात्र कम और छात्र अधिक है तो शिक्षक कम। नतीजतन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और सरकारी दावे टांय टांय फिस्स साबित हो रहे हैं। बता दें कि जिले में नामांकित बच्चों की संख्या फिलहाल 04 लाख 51 हजार है, जबकि शिक्षकों की संख्या 7,524 के आसपास है। हालांकि विभागीय सर्वेक्षण की मानें तो फिलहाल 60 बच्चों पर 01 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन ये जिले के कुल शिक्षक और कुल नामांकित बच्चों का ही अनुपात है। वहीं इस संबंध में कई स्कूलों में विसंगतियां भी पाई जा रही है।
प्रखंड - बसंतपुर: स्कूल की संख्या: 120, बच्चों की संख्या-38,249, पदास्थापित शिक्षकों की संख्या-526, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-1272, रिक्त पद-746
प्रखंड-छातापुर: स्कूल की संख्या- 171, बच्चों की संख्या-63022, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-835, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-2099, रिक्त पद-1264
प्रखंड-किशनपुर: स्कूल की संख्या- 138, बच्चों की संख्या-30980, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-606, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-1031, रिक्त पद-425
प्रखंड-मरौना: स्कूल की संख्या- 111, बच्चों की संख्या-32952, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-500, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-1096, रिक्त पद-596
प्रखंड-निर्मली: स्कूल की संख्या- 71, बच्चों की संख्या-20602, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-295, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-689, रिक्त पद-394
प्रखंड-पिपरा: स्कूल की संख्या- 155, बच्चों की संख्या-37771, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-681, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-1295, रिक्त पद-584
प्रखंड-राघोपुर: स्कूल की संख्या- 188, बच्चों की संख्या-46279, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-762, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-1540, रिक्त पद-778
प्रखंड-सरायगढ़: स्कूल की संख्या- 120, बच्चों की संख्या-24374, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-437, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-819, रिक्त पद-382
प्रखंड-त्रिवेणीगंज: स्कूल की संख्या- 271, बच्चों की संख्या-70402, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-1169, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-2347, रिक्त पद-1178
प्रखंड-प्रतापगंज: स्कूल की संख्या- 81, बच्चों की संख्या-24267, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-357, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-808, रिक्त पद-451
प्रखंड-सुपौल: स्कूल की संख्या- 251, बच्चों की संख्या-62669, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या-1356, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आवश्यकता-2082, रिक्त पद-726
क्या कहते हैं अधिकारी: सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी इरशाद अंसारी का कहना है कि विभाग इस मामले पर गंभीर है। टीईटी से चयनित शिक्षकों की जो नई नियुक्ति हो रही है शिक्षक छात्र अनुपात को दुरुस्त कर लिया जाएगा। इस मामले को लेकर राज्य स्तरीय बैठक भी हो रही है और जल्द ही कोई परिणाम सामने आएगा।

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