भारतीय गेहूं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेहतर गुणवत्ता के कारण बेहतर कीमत मिल रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अब तक 311.69 डॉलर प्रति टन की औसत कीमत से करीब 40 लाख टन गेहूं बेच लिया है। एफसीआई के एक अधिकारी ने कहा, "वैश्विक मांग घटने के बाद भी हमें अपनी गेहूं के लिए काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।" अमेरिका, कनाडा, उक्रेन, आस्ट्रेलिया, रूस और अर्जेटीना अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं के प्रमुख खिलाड़ी हैं।
हाल में खुले टेंडर के मुताबिक भारतीय गेहूं के लिए प्रति टन 300.10 डॉलर की बोली लगी। जबकि तीन जून को जुलाई वायदा शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) कीमत 260 डॉलर थी। अत्यधिक उत्पादन और प्रचुर भंडार के कारण लम्बे समय बाद सरकार ने इस वर्ष 45 लाख टन गेहूं के निर्यात की इजाजत दी। इससे पहले 2002-04 में भारत ने गेहूं का निर्यात किया था। हालांकि तब उतनी अच्छी कीमत नहीं मिली थी।
अधिकारी ने कहा, "हमारे गेहूं की जबरदस्त मांग है। हमें उतनी ही कीमत मिल रही है, जितनी आस्ट्रेलिया के गेहूं को मिल रही है, जिसे दुनिया में सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है।" भारतीय गेहूं के प्रमुख खरीददाता हैं दक्षिण कोरिया, इथियोपिया, बांग्लादेश, यमन, थाईलैंड और इंडोनेशिया।
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