फिल्मोद्योग ने नहीं की पंचम दा की कद्र : अमिताभ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 जून 2013

फिल्मोद्योग ने नहीं की पंचम दा की कद्र : अमिताभ


अभिनेता अमिताभ बच्चन ने संगीतकार राहुल देव बर्मन (पंचम दा) की 74वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को उन्हें याद करते हुए कहा कि पंचम दा के जीवन के आखिरी साल दुख में बीते। बिग बी ने गुरुवार की रात अपने ब्लॉग पर लिखा, "पंचम दा को लगता था कि सिनेमा जगत ने उनकी प्रतिभा की कद्र नहीं की और उन्हें पर्याप्त अवसर नहीं दिए।"

पंचम दा अपने समय के इकलौते संगीतकार थे, जो उस दौर में उपलब्ध हर तरह के वाद्य यंत्र बजाना जानते थे। 1961 में महमूद की फिल्म 'छोटे नवाब' से संगीतकार के रूप में करियर की शुरुआत करते ही उन्होंने हिंदी फिल्म संगीत के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी।

आर. डी. बर्मन द्वारा निर्मित लोकप्रिय गानों में फिल्म 'तीसरी मंजिल' का गीत 'आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा' से लेकर 'कुदरत' में परवीन सुल्ताना की गायी ठुमरी 'हमें तुमसे प्यार कितना', 'पड़ोसन' का 'एक चतुर नार' और 'आंधी' का 'तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं' शामिल हैं। 

बर्मन ने अपना आखिरी संगीत फिल्म '1942 : ए लव स्टोरी' में दिया, जो उनके निधन के बाद प्रदर्शित हुई।अमिताभ ने बर्मन को याद करते हुए कहा, "अपने बेजोड़ संगीत और खूबसूरत यादों को पीछे छोड़कर एक दिन अचानक वह चल बसे। उनका संगीत हमेशा हमारी यादों में बसा रहेगा।"

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