तमिलनाडु में गुरुवार को राज्यसभा की छह सीटों के लिये होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिये मतदान की तैयारी पूरी हो गई है. करीब 17 साल के अंतराल के बाद मतदान होने जा रहा है. इस वर्ष के चुनाव ने दो पूर्व सहयोगी राजनीतिक दलों-द्रमुक और कांग्रेस के बीच संबंधों के गर्माहट का संकेत मिला है जो कुछ समय पहले ही अलग हुए हैं. कांग्रेस ने अपने छह विधायकों का समर्थन द्रमुक सुप्रीमो करूणानिधि की बेटी कनिमोई को देने का वादा किया है.
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के मुद्दे पर द्रमुक ने कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन को गत मार्च महीने में तोड़ लिया था. कांग्रेस द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी कनिमोई के समर्थन के फैसले से उनकी जीत लगभग तय है. इस जीत के साथ ही राज्यसभा में यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल होगा.
234 सदस्यीय राज्य विधानसभा में राजनीतिक दलों की स्थिति देखे तो मुख्यमंत्री जे जयललिता के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के चार उम्मीदवारों की जीत तय है और सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने बचे हुये वोटों को सीपीआई के डी राजा को देने का वादा किया है जिससे उनका पुनर्निर्वाचन भी तय है.
अन्नाद्रमुक के 151 विधायक हैं और द्रमुक से बगावत करने वाले सात विधायकों ने सत्तारूढ़ दल के समर्थन की घोषणा की है जिसकी उनके विधायकों की संख्या 158 हो गई है. जीतने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को 34 प्रथम वरीयता वाले मत हासिल करने होंगे. पीएमके के तीन सदस्यों के मतदान से अनुपस्थित रहने के फैसले जीत का अंतर गिरकर 33 वोट पर आ सकता है.
अन्नाद्रमुक के चार उम्मीदवारों में से प्रत्येक उम्मीदवार को 34 प्रथम वरीयता वाले वोट दिये जाने बाद उसके पास 15 वोट अतिरिक्त बचेंगे. वामदलों-भाकपा, माकपा और फार्वर्ड ब्लॉक- के पास कुल 19 वोट हैं और अन्नाद्रमुक के 15 अतिरिक्त वोटों की मदद से डी राजा को जीत में कोई मुश्किल नहीं होगी.
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