ट्रेन में यात्रियों का मुफ्त इलाज बंद, करने होंगे भुगतान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 21 जून 2013

ट्रेन में यात्रियों का मुफ्त इलाज बंद, करने होंगे भुगतान

रेलवे ने यात्रियों की जेब में फिर हाथ डाल दिया है। यात्रा के दौरान अगर आपकी तबीयत बिगड़ी तो अब मुफ्त इलाज नहीं हो पाएगा। डॉक्टर की फीस से लेकर मरहम-पट्टी तक का खर्च यात्री से वसूला जाएगा। डॉक्टर की फीस के तौर पर रेलवे 20 रुपये वसूले करेगा। दवा की कीमत अलग से लगेगी। उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ. पदम सिंह ने इलाहाबाद, कानपुर समेत मंडल के सभी स्टेशन अधीक्षकों को इस बाबत पत्र भेजे हैं, जिसमें कहा गया है कि रेलवे ट्रेन हादसों में घायल होने वालों का मुफ्त इलाज कराना अपना दायित्व समझता है। लेकिन सफर के दौरान बीमार पड़ने वाले यात्री से अब डॉक्टर की फीस के रूप में 20 रुपये वसूले जाएंगे। 

डॉ. सिंह के मुताबिक, दवा की कीमत प्रति खुराक एक रुपया लिया जाएगा। इंजेक्शन और एंटीबायोटिक का वही मूल्य लिया जाएगा जो स्ट्रिप पर दर्ज होगा। घाव की ड्रेसिंग के पांच रुपये लगेंगे। उल्लेखनीय है कि केंद्र से लेकर प्रदेश तक की सरकारें आम आदमी के इलाज पर अरबों खर्च कर रही है, लेकिन रेल में सफर के दौरान बीमार पड़े यात्रियों को अब कोई रियायत देने को तैयार नहीं है। अभी तक यह व्यवस्था थी कि ट्रेन में कोई यात्री बीमार पड़ जाए तो स्टेशन मास्टर के बुलावे पर डॉक्टर स्टेशन पर हाजिर हो जाता था और यात्री का पूरा इलाज मुफ्त होता था।

कोई टिप्पणी नहीं: