कांग्रेस ने गुजरात के शासन माडल पर नरेन्द्र मोदी को खुली बहस की चुनौती दी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

कांग्रेस ने गुजरात के शासन माडल पर नरेन्द्र मोदी को खुली बहस की चुनौती दी.

कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी को गुजरात में उनके शासन के माडल पर खुली बहस की चुनौती दी. और साथ ही आर्थिक मंदी के लिए यूपीए पर विपक्षी दल के हमले को बकवास बताया. सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा और साथ ही अमत्र्य सेन के खिलाफ भाजपा के हमले को लेकर उसपर ‘फासिज्म’ अपनाने का आरोप लगाया.

तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात के मुख्यमंत्री की रोजाना एक मुद्दे पर एक बयान देने की आदत है ... अगर वह गुजरात के शासन माडल के प्रति इतने ही आश्वस्त हैं तो वे आयें और हमारे साथ किसी भी दिन अपने पसंद की जगह और प्रारूप में चर्चा करें.’’
तिवारी ने कहा कि बहस से यह पूरी तरह साफ हो जायेगा कि शासन के माडल में कितना दम हैं..देश की जनता फैसला करेगी .तिवारी की यह टिप्पणी मोदी के उस आारोप के बाद आयी है जिसमें भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि संप्रग में नेतृत्व की कमी और नीतिगत फैसले का अभाव देश की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार है.यह पूछे जाने पर कि क्या आप मोदी को गुजरात में मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भी चुनौती दे रहे हैं, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह तो इतना जगजाहिर है कि इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है.

भाजपा के इस आरोप के बारे में कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या घटा कर दिखाना गरीबों को सरकारी योजना से वंचित करने का कांगेस के ‘‘षडयंत्र’’ का हिस्सा है, सूचना मंत्री ने कहा कि वह चकित हैं कि कोई राजनीतिक दल वास्तव में गरीबी की दर में आ रही कमी को लेकर इतना हील हवाला कर सकती है.तिवारी ने कहा कि यह वास्तव में विचारधारा का अंतर है . संप्रग सरकार इस राय की है कि देश से गरीबी दूर होनी चाहिए, भाजपा गरीब को हटाने में विास करती है . हमारा मानना है कि भूख मिटनी चाहिए, वे मानते हैं कि भूखे को जाना चाहिए. उन्होंने गरीबी पर योजना आयोग के आंकड़ों को उचित ठहराते हुए कहा कि इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि राजग शासनकाल के मुकाबले संप्रग शासनकाल के दौरान गरीबी की दर में कमी आने की रफ्तार ज्यादा तेज रही है.

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