हाल ही में भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की पृष्ठभूमि में भारत और चीन आज सीमा पर शांति बनाये रखने के विषय पर तीसरी बैठक कर रहे हैं। यह अप्रैल में लद्दाख क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास देपसांग में दोनों देशों के बीच तीन सप्ताह तक चले गतिरोध के बाद पहली बैठक है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां कहा कि इस बैठक में सीमा पर शांति बनाये रखने से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा होगी। हालांकि इस बैठक का सीमा मुद्दों से कोई ताल्लुक नहीं है, क्योंकि इस विषय पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि देख रहे हैं। इसके साथ ही इसमें सीमा सहयोग समझौते पर भी चर्चा नहीं होगी क्योंकि इसके लिए अलग तंत्र है।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय से जुड़े कार्यकारी तंत्र की दो दिवसीय बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव गौतम बाम्बावले करेंगे और इसमें रक्षा एवं गृह मामलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। चीनी शिष्टमंडल में भी कई स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। सूत्रों ने कहा कि बैठक में इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि सीमा पर किस प्रकार से शांति बनायी रखा जाए और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास जब ऐसी घटना हो तब बेहतर समन्वय एवं संवाद कैसे सुनिश्चित किया जाए।
समझा जाता है कि भारतीय पक्ष के इस वर्ष अप्रैल में लद्दाख और उसके बाद चीनी घुसपैठ के कारण यथास्थिति का उल्लंघन के विषय को उठाने की उम्मीद है। चीनी पक्ष की ओर से घुसपैठ ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने चीन से लगी सीमा पर 50 हजार माउंटेन कार्प के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रवक्ता ने कहा कि यह बैठक दोनों देशों के बीच नियमित चर्चा का हिस्सा है।
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