गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे सभी नेताओं को लामबंद करने की भारतीय जनता पार्टी की कोशिशों को पार्टी नेता शत्रुघ्न सिन्हा के एक बयान से झटका लगा है। उन्होंने कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी कहीं अधिक पसंद है।
सिन्हा ने खुलेआम बागी तेवर अपनाते हुए यह भी कहा कि उन्हें अपना दुख नहीं है, लेकिन पार्टी में जिस तरह से वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है वह उससे बहुत अधिक आहत है। उन्होंने पार्टी को आगाह किया है कि जिस तरह से मोदी के नाम का गुणगान किया जा रहा है कहीं ऐसा न हो कि हासिल करने से पहले ही मंजिल दूर हो जाये।
बीजेपी नेता ने कहा है कि मोदी उनके मित्र हैं, सहयोगी है, लोकप्रिय नेता हैं और उन्हें पसंद भी हैं, लेकिन जहां तक प्रधानमंत्री पद की बात है आडवाणी सबसे कद्दावर, अनुभवी, स्पष्टवक्ता और ऐसे नेता हैं जिन्होंने पार्टी को खड़ा किया है। उनमें एक विजन है और वह सबको साथ लेकर चलने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार आडवाणी के सहयोग और आर्शीवाद से ही होना चाहिए।
जेडीयू को शत्रुघ्न के बयान से मोदी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि हमें पता था कि मोदी रास्ते में बहुत रोड़े हैं। शिवसेना ने विरोध किया है, अकाली दल भी इसी रास्ते पर होगा। भाजपा के बड़े नेताओं से हमारी बात होती है, वो भी खुश नहीं हैं। शत्रुघ्न जी ने साहस दिखाया, हम स्वागत करते हैं। इस आदमी (मोदी) का गरीब से, किसान से, छात्रों से कोई लेना देना नहीं है। ये कॉर्पोरेट का आदमी है। बिहार में फूट का कारण केवल बाहर के आदमी का थोपा जाना है।
कांग्रेस नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा का कहना कि मोदी के लिए दिल्ली दूर है इससे साफ है कि बड़े नेता बगावती सुर पर आमादा हैं। आडवाणी का आशीर्वाद जरूरी है, इससे साफ है लोग आडवाणी को चाहते हैं। सुषमा की भी अनदेखी हो रही है।
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