बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 25 जुलाई ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 जुलाई 2013

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 25 जुलाई )

कलेक्टर ने की ग्रामीण यांत्रिकी  सेवा एवं लोक निर्माण  विभाग के निर्माण कार्यों  की समीक्षा
  • सात कार्यों  की स्वीकृति निरस्त करने के निर्देश

कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज उपयंत्रियों एवं ठेकेदारों की बैठक में लोक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने उपयंत्रियों एवं ठेकेदारों को निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण राठी एवं लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री जी.पी. वर्मा भी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर  ने उपयंत्रियों एवं ठेकेदारों  से कहा कि वे जो भी कार्य  स्वीकृत किये गये है उनको तय समय सीमा में अनिवार्य रूप से पूर्ण करें। चार-पांच साल से निर्माण कार्यों का अधूरा रहना कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। निर्माण कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। निर्माण घटिया स्तर का पाया जायेगा तो संबंधित उपयंत्री के विरूध्द सख्त कार्यवाही की जायेगी और उसे बख्शा नहीं जायेगा। 

बिठली के हाट-बाजार की स्वीकृति निरस्त

ग्रामीण यांत्रिकी  सेवा विभाग के कार्यों  की समीक्षा के दौरान कलेक्टर  श्री चन्द्रशेखर ने चिलोरा-पौसेरा-लांजी  मार्ग पर सोन नदी पर पुल  निर्माण कार्य शीघ्र  पूर्ण करने के निर्देश  दिये। ग्राम बिठली में  हाट-बाजार निर्माण का कार्य अब तक विवाद के कारण प्रारंभ नहीं होने पर उन्होंने इस कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त करने के निर्देश दिये। ग्राम सिंघई के पास जमुनिया नाला पर बाक्स कल्वर्ट का कार्य पूर्ण कराने कहा गया। इस कार्य को पूर्ण करने की जिम्मेदारी संबंधित उपयंत्री की रहेगी। कार्य पूर्ण नहीं होने पर उपयंत्री के विरूध्द कार्यवाही की जायेगी।

निलंबित उपयंत्री के विरूध्द विभागीय  जांच की कार्यवाही

बैठक में  निर्माण कार्यो की समीक्षा  के दौरान पाया गया कि बिरसा  विकासखंड के ग्राम अडोरी  में मनरेगा से तालाब निर्माण के लिए 14 लाख रु. वर्ष 2006 में मंजूर किये गये है। लेकिन अब तक तालाब का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। इस कार्य को कराने वाले उपयंत्री वासनिक को निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने इस लापरवाही के लिए  निलंबित उपयंत्री वासनिक के विरूध्द विभागीय जांच शुरू करने और उसे पद से पृथक करने की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिये।

उपयंत्री  निकासे से 2 लाख रु. की वसूली  करने के निर्देश

निर्माण कार्यों  की समीक्षा में पाया गया  कि ग्राम सेमरखेरों में  तालाब की नहर निर्माण  के लिए वर्ष 2008 में 16 लाख  रु. मंजूर किये गये थे। तत्कालीन उपयंत्री श्री ए.के. निकोसे द्वारा इस कार्य के 2 लाख 3600 रु. की राशि खर्च कर ली गई। लेकिन वन विभाग की अनुमति न मिलने से इस कार्य को अब तक प्रारंभ नहीं किया गया है। उपयंत्री श्री निकासे का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ में हो गया है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने सेमरखेरो तालाब की इस स्थिति पर कड़ा रूख अपनाते हुए इस प्रकरण की जांच करने और उपयंत्री निकासे 2 लाख 3600 रु. की राशि वसूल करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखने कहा गया है।

आर्वी, खंटाटोला और गुराखारी के तालाब की स्वीकृति होगी निरस्त

बैठक में बताया गया कि ग्राम आर्वी में तालाब निर्माण के लिए वर्ष 2009 में 16 लाख रु. मंजूर किये गये थे। इस कार्य के लिए 30 हजार रु. की राशि व्यय की जा चुकी है, लेकिन तालाब का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किया गया है। इसी प्रकार खंटाटोला में 50 लाख रु. के पुजारी तालाब का कार्य एवं ग्राम गुराखारी में 40 लाख रु. के आमाकोना तालाब का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किया गया है। कलेक्टर ने इन तीनों कार्य की स्वीकृति निरस्त करने और की राशि वापस करने के निर्देश दिये है।

उपयंत्री  सैयाम को कारण बताओ नोटिस

बैठक में  बताया गया कि बिरसा के उपयंत्री श्री सैयाम द्वारा अब तक गोंडीटोला से पल्हेरा मार्ग एवं बंजारी से भटियारटोला मार्ग का कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है। उपयंत्री श्री सैयाम द्वारा दमोह के रेशम केन्द्र में 94 हजार रु. के फेंसिंग का कार्य पांच वर्ष से पूर्ण नहीं किया गया है। इस पर कलेक्टर ने उपयंत्री सैयाम को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये है कि क्यों न उसके विरूध्द अनुशसनात्मक कार्यवाही की जाये। बैठक में 4 करोड़ 49 लाख रु. की लागत से बनने वाले  बिठली से भगतपुर-गोदरी मार्ग का कार्य मार्च 2014 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने की समय सीमा तय कर दी गई ।

डोहरा, साल्हे एवं बोट्टा-हजारी के स्टापडेम की स्वीकृति निरस्त

बैठक में  समीक्षा के दौरान बताया  गया कि लालबर्रा विकासखंड के ग्राम डोहरा एवं साल्हे में मुरूम नाले पर स्टापडेम तथा ग्राम बोट्टा-हजारी  में नाले पर स्टापडेम का कार्य अब प्रारंभ नहीं किया गया है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने इन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त करने एवं कार्य की सम्पूर्ण राशि वापस करने के निर्देश दिये है। इसी प्रकार ग्राम कंजई में कुकड़ा नाले पर 19 लाख 46 हजार रु. के तालाब एवं वारासिवनी विकासखंड के ग्राम झालीवाड़ा में 15 लाख रु. के घटकारिया तालाब का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किये जाने पर इनकी प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त कर राशि वापस करने के निर्देश दिये गये है।

दशमेश कंस्ट्रक्शन  कंपनी को ब्लेक लिस्टेड  करने के निर्देश

लोक निर्माण  विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने रामपायली में राजस्व निरीक्षक कार्यालय एवं आवास का कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किये जाने पर उसकी स्वीकृति निरस्त करने के निर्देश दिये। नवीन कलेक्ट्रेट भवन का कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण नहीं किये जाने पर शासन को उसके खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखने कहा गया। गोंदिया की दशमेश कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं किये जाने पर उसे ब्लेक लिस्टेड करने के निर्देश दिये गये।

26 जुलाई को जिला  स्वास्थ्य समिति की बैठक

26 जुलाई को  जिला स्वास्थ्य समिति  की बैठक का आयोजन किया गया है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक कलेक्ट्रेट सामुदायिक भवन में प्रात: 11 बजे से प्रारंभ होगी। सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों एवं समिति के सदस्यों को बैठक में उपस्थित होने के लिए सूचना भेज दी गई है।

हरियाली महोत्सव 2013 के अन्तर्गत जिले में लगाये गये 50 लाख से अधिक पौधे
  • वन  लक्ष्मी योजना में किया गया वृहद वृक्षारोपण


प्रकृति ने बालाघाट जिले को वैसे तो घने  वन दिये है।लेकिन इस वन संपदा  को बनाये रखने के लिए हर वर्ष नये पौधे लगाना नितांत  आवश्यक है। वृक्षारोपण के अंतर्गत लगाये गये पौधे पर्यावरण सुंरक्षण में मददगार बनने के साथ ही गरीब जनता को रोजगार देने में भी अपनी भूमिका निभाते है। वन विभाग द्वारा जिले में हरियाली महोत्सव वर्ष 2013 में 16 जून से प्रारम्भ करके 15 जुलाई तक वृक्षारोपण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वन विभाग द्वारा वन लक्ष्मी योजना में 50 लाख से अधिक पौधों का वृक्षारोपण कर लक्ष्य से अधिक पौधे लगाये गये है। बालाघाट वन वृत्त  के मुख्य वन संरक्षक डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने बताया  कि वन विभाग की विभिन्न  योजनाओं जैसे कार्य आयोजना का क्रियान्वयन (सागौन रोपण, बांस रोपण, मिश्रित रोपण, जलाऊ-चारा रोपण, विभिन्न कार्य वृत्तों में प्रथम वर्ष का उपचार कार्य) में कुल 1990 हेक्टेयर क्षेत्र में सागौन के 18 लाख 19 हजार 100 पौधे, बॉस के 5 लाख 77 हजार 700 पौधे, ऑवला के 12 हजार पौधे, महुआ के 14 हजार पौधे, खमेर के 30 हजार 100 पौधे एवं अन्य मिश्रित प्रजाति के 88 हजार 200 पौधे रोपित किये गये हैं। राष्ट्रीय वनीकरण योजना  के अंतर्गत सागौन, बॉस, ऑवला,महुआ, खमेर एवं अन्य प्रजातियों के 210 हेक्टेयर क्षेत्र में   एक लाख 87 हजार पौधे रोपित किये गये हैं। अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता योजना  के अंतर्गत हर्रा, बेहड़ा, बेल, ऑवला आदि के 120 हेक्टेयर क्षेत्र में 42 हजार पौधे रोपित किये गये हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना के अंतर्गत 100 हेक्टयर क्षेत्र में 62 हजार 500 पौधे रोपित किये गये हैं। इस प्रकार वनवृत्त के दोनों वनमण्डलों में वर्ष 2013  के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धी प्राप्त करते हुये कुल 2597 हेक्टेयर वनक्षेत्र में 30 लाख 71 हजार 600 पौधे रोपित किये जा चुके हैं। वन विभाग द्वारा इस वर्ष आदिवासियों एवं ग्रामीणों  को लाभ पहॅूचाने के लिये ''वन लक्ष्मी योजना'' के रूप में नवीन योजना प्रारम्भ की गई है। जिसके अंतर्गत संयुक्त वन प्रबंध समितियों को आबंटित वनक्षेत्र में चयनित सदस्यों द्वारा बांस एवं अन्य प्रजाति जैसे सागौन, खमेर आदि का वृहत रूप से वृक्षारोपण किया गया है। उक्त योजना अंतर्गत हितग्राही को विभाग द्वारा रोपण हेतु पौधे नि:शुल्क प्रदाय कराये गये हैं तथा समितियों के सहयोग से रोपण कार्य कराया गया है। हितग्राहियों के द्वारा जितने पौधों का रोपण किया गया है, उस पर उनका पूर्ण अधिकार रहेगा एवं उसकी वे सुरक्षा आदि के लिये स्वयं जिम्मेदार होंगे। रोपित पौधे जब परिपक्व होंगे तब उनसे प्राप्त होने वाले लाभ पर हितग्राही का 80 प्रतिशत अधिकार होगा एवं 20 प्रतिशत समिति को दिया जावेगा। इस प्रकार सम्पूर्ण लाभ समिति एवं उनके सदस्यों को मिलेगा। उक्त योजनान्तर्गत जिले में वन समितियों को आबंटित वनक्षेत्र में समिति सदस्यों के द्वारा बॉस,सागौन,खमेर आदि प्रजातियों के 2 लाख 39 हजार पौधे रोपित किये गये हैं। जिले में वन विकास  निगम के लामटा परियोजना द्वारा 786 हेक्टेयर क्षेत्र में  सागौन के 19 लाख 46 हजार पौधे रोपित किये गये हैं एवं 14 हेक्टेयर क्षेत्र में  अन्य मिश्रित प्रजातियों के 35 हजार पौधे रोपित किये गये हैं। इस प्रकार कुल 800 हेक्टेयर क्षेत्र में 19 लाख 81 हजार पौधे रोपित किये गये हैं। इस प्रकार बालाघाट जिले में कुल 3397 हेक्टेयर वनक्षेत्र में 50 लाख 52 हजार 600 पौधे रोपित किये जा चुके हैं। जो कि ''हरियाली महोत्सव 2013'' के लक्ष्य के अनुरूप एवं शत-प्रतिशत उपलब्धी है। गतवर्ष ''हरियाली महोत्सव 2012'' में समस्त योजनाओं के अंतर्गत वन विभाग द्वारा 28 लाख 70 हजार पौधे तथा वन विकास निगम द्वारा 19 लाख पौधे कुल 47 लाख 70 हजार पौधे रोपित किये गये थे। वनक्षेत्रों के बाहर ''पर्यावरण वानिकी'' एवं ''विस्तार वानिकी'' योजना के अंतर्गत सड़क किनारे वृक्षारोपण, कृषकों के निजी भूमि पर रोपण एवं वन महोत्सव के के कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों पर लगभग 3 लाख शोभादार, फलदार, छायादार पौधों के रोपण का कार्य विभिन्न स्कूलों, कार्यालयीन परिसरों, संस्थाओं एवं नगरपालिका के सहयोग से सम्पन्न किया जा रहा है।

बालाघाट जिले में विस्तार वानिकी के अंतर्गत किसान लक्ष्मी योजना  एवं वनदूत योजना लागू

वन विभाग द्वारा वन विस्तार योजना के अंतर्गत ग्रामीणों के निजी भूमि पर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करने के लिये ''वनदूत योजना'' एवं ''किसान लक्ष्मी योजना'' लागू की गई है। जिले की जनता इन योजनाओं का लाभ उठाकर जिले को हराभरा बनाये रखने एवं पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकती है। बालाघाट वन वृत्त  के मुख्य वन संरक्षक डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि वनदूत योजना के अंतर्गत जो व्यक्ति किसानों को प्रेरित कर न्यूनतम 5 हजार पौधे निजी भूमि पर लगवायेगा उसे विभाग द्वारा आगामी 3 वर्षो में रोपण की सफलता का आंकलन करके 4 रु. प्रति पौधा भुगतान किया जावेगा।  इसी प्रकार ''किसान लक्ष्मी'' योजना के अंतर्गत किसानों की निजी भूमि पर न्यूनतम 100 पौधे रोपित किये जाने पर आगामी 3 वर्षो में किसानों को  10 रु. प्रति पौधा प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जावेगा। इन योजनाओं  का लाभ उठाने के लिये ग्रामीणों  एवं कृषकों को वन विभाग  की नर्सरी से 5 रु. प्रति पौधे की दर पर पौधे प्रदाय किये जावेंगे। वर्तमान में नर्सरी में बॉस,सागौन,खमेर,नीलगिरी आदि प्रजातियों के पर्याप्त संख्या में रोपण योग्य पौधे उपलब्ध हैं। जिन्हें वन विभाग की नर्सरी से प्राप्त किया जा सकता है। इच्छुक व्यक्ति एवं किसान अपने नजदीकी परिक्षेत्र कार्यालय में सम्पर्क करके परिक्षेत्र अधिकारी को अपना मांगपत्र प्रस्तुत करेंगे, जिसका परीक्षण करके उक्त योजना में लाभ पहॅूचाने हेतु कार्यवाही की जावेगी।

विद्यार्थी  प्रवेशित संस्था में ब्रांच परिवर्तन करवा सकते हैं, काउंसलिंग 30 जुलाई से 2 अगस्त तक

बी.ई. पाठयक्रम के प्रथम वर्ष में सामान्य  पूल की ऑनलाइन ऑफ केम्पस काउंसलिंग-2013-14 के प्रवेश के बाद विद्यार्थी अपनी संस्था में ही इच्छानुसार ब्रांच परिवर्तन करवा सकते हैं। प्रवेशित संस्था में  आंतरिक ब्रांच परिवर्तन के लिये प्राथमिकता क्रम का ऑनलाइन चयन सहायता केन्द्रों पर 30 जुलाई से 2 अगस्त तक किया जा सकता है। आंतरिक परिवर्तन की सूचना 3 अगस्त को ऑनलाइन उपलब्ध होगी। विद्यार्थियों को प्रवेशित संस्था में उपलब्ध ब्रांचों में से ही ब्रांच परिवर्तन के लिये प्राथमिकता क्रम लॉक  करना होगा। इसके लिये निर्धारित फीस 100 रुपये है। प्रवेशित संस्था में ब्रांचवार उपलब्ध रिक्त स्थानों के आधार पर सर्वप्रथम पीईपीटी-2013 के अभ्यर्थियों का मेरिट अनुसार ब्रांच परिवर्तन किया जायेगा। इसके बाद अर्हकारी परीक्षा के मेरिट अंकों के आधार पर ब्रांच परिवर्तन की कार्यवाही की जायेगी। विद्यार्थी को सहायता केन्द्र पर प्रवेशित संस्था द्वारा ऑनलाइन दिये गये प्रवेश-पत्र एवं फोटो आई.डी. की मूल प्रति के साथ उपस्थित होना होगा। ब्रांच परिवर्तन की दशा में विद्यार्थी की पूर्व आवंटित ब्रांच का प्रवेश स्वत: निरस्त हो जायेगा। आंतरिक ब्रांच परिवर्तन के बाद विद्यार्थी वेबसाइट www.mponline.gov.in पर "Check Candidate Status" के लिंक पर अपनी ब्रांच परिवर्तन की स्थिति को जरूर देखें।

वारासिवनी एवं कटंगी में खुलेंगें नये कौशल विकास केन्द्र 

राज्य शासन द्वारा युवाओं को रोजगारमूलक प्रशिक्षण के पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 20 और विकासखण्ड में कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में 113 विकासखण्ड में कौशल विकास केन्द्र खोले जा चुके हैं। बालाघाट जिले के वारासिवनी एवं कटंगी विकासखंड में नये कौशल विकास केन्द्र खोले जायेंगें। प्रत्येक केन्द्र के लिये 8 पद स्वीकृत किये गये हैं। सभी पद संविदा आधार पर भरे जायेंगे। प्रत्येक कौशल विकास केन्द्र के लिये एक पद मैनेजर का, एक पद कार्यालय सहायक-सह-लेखापाल का, 4 पद प्रशिक्षक के और 2 पद भृत्य के स्वीकृत किये गये हैं।

गोंगलई छात्रावास  की अनियमिता की होगी जांच

म.प्र. अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डॉ. तुकड़या दास वैद्य ने 16 जुलाई के बालाघाट जिले के प्रवास के दौरान प्री मेट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास गोंगलई का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छात्रावास अधीक्षक छात्रावास में उपस्थित नहीं थे। अधीक्षक द्वारा छात्रावास में न रहते हुए बालाघाट में रहकर अधीक्षक का कार्य देखने की बात सामने आई। निरीक्षण में पाया गया कि बच्चों को दिया जाने वाला भोजन गुणवत्ता का नहीं था तथा बिस्तर में बिछाने दी गई चादर भी गंदी थी और बच्चो को नई चादरें भी नहीं दी गई थी। डॉ. वैद्य ने जिला प्रशासन को इस छात्रावास में की जा रही अनियमितताओं की जांच करने कहा है। 

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