झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि राज्य में 18 जुलाई को राष्ट्रपति शासन खत्म होने के बाद जल्द ही झामुमो के नेतृत्व में एक सरकार गठित हो सकती है, जिसे कांग्रेस और अन्य पार्टियां समर्थन दे सकती हैं। झामुमो नेता ने बताया, "कांग्रेस के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है और प्रदेश में जल्द ही हमारी पार्टी की सरकार बन सकती है।" कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद और अन्य पार्टी नेताओं ने यहां मंगलवार को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद अहमद ने कहा, "18 जुलाई से पहले सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। "
इससे पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री और झामुमो प्रमुख के बेटे हेमन्त सोरेन ने सोमवार रात कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अंतिम निर्णय पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व लेगा। सूत्रों ने कहा कि हेमन्त सोरेन दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक झामुमो और कांग्रेस के बीच राज्य में सरकार गठन, आगामी लोकसभा चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गहन विचार-विमर्श चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस राज्य में 14 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी या बाहर से समर्थन करेगी। 82 सदस्यीय झारखण्ड विधानसभा में झामुमो के 18 विधायक हैं। गौरतलब है कि राज्य में 28 महीने चली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली अर्जुन मुंडा सरकार झामुमो के समर्थन वापस लेने के बाद गिर गई थी। मुंडा सरकार ने आठ जनवरी को विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी थी और 18 जनवरी से झारखण्ड में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें