कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार तो हो गई हैं, पर उनकी सबसे बड़ी फिक्र यह है कि क्या यह सरकार साफ-सुथरी चलेगी.यही वजह है कि एक-दो दिन में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का सरकार बनाने को लेकर संयुक्त बयान आएगा. इसमें कहा जाएगा कि यह सरकार घपले-घोटालों से दूर रहेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया गया है कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद नेताओं के खनन उद्योग से व्यक्तिगत हित जुड़े हुए हैं. कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से सरकार बनाने को समझौता बहुत मजबूरी में किया है. यह इसलिए किया गया है क्योंकि कांग्रेस अपने दम पर विधानसभा (चुनाव होने पर) और लोकसभा दोनों चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है. सोनिया गांधी को यही बात समझाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में सरकार बनवाने के लिए तैयार किया गया है.
सरकार बनवाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा से बात कराने वाले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस सरकार में भी शामिल होगी और उसे झारखंड मुक्ति मोर्चा से लोकसभा की 10 सीटें भी लड़ने को मिलेंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए इससे ज्यादा फायदे का सौदा और कुछ नहीं हो सकता. इस वरिष्ठ नेता ने बताया कि संयुक्त बयान तैयार हो गया है और उसमें इस बात को साफ तौर पर रेखांकित किया गया है कि झारखंड में ठप हो गए विकास की गति को तेज करने के लिए एक साफ-सुथरी सरकार दी जा रही है.
सरकार बनाने को लेकर अंतिम बातचीत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर हुई. इसमें भविष्य के गठबंधन तय करने को लेकर बनी समिति के प्रमुख एके एंटनी, महासचिव और झारखंड के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, महासचिव और पूर्व प्रभारी डा. शकील अहमद, प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह शामिल थे. इस बैठक में यह भी बात हुई कि सरकार में कांग्रेस शामिल तो हो रही है, पर इससे उसकी छवि खराब नहीं होनी चाहिए. बैठक में यह सुझाव भी आया कि सरकार को लेकर कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद की एक समन्वय समिति भी बनाई जाए जो सरकार पर पूरी नजर रखे.
हरिप्रसाद और शकील अहमद ने कांग्रेस अध्यक्ष को बताया कि इस बारे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन से बात हुई है और वो इसके लिए तैयार हैं. नई सरकार को समर्थन देने के विषय में झारखंड के कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत और विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह ने राजद नेता लालू प्रसाद से बात की. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में राजद भी शामिल हो रही है.
चुनाव तैयारी के लिए बनवा रही सरकार. कांग्रेस कमजोर होने की वजह से सरकार के लिए मानी है. सोनिया गांधी का अपनी पार्टी के नेताओं से कहना है कि अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी ठीक से कर ली जाए. हालांकि लोकसभा चुनाव को प्राथमिकता देने को कहा गया है क्योंकि कांग्रेस की नजर यूपीए-3 पर है और उसे झारखंड में लड़ने के लिए ज्यादा सीटें भी मिल रही हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार में कांग्रेस के शामिल होने के लिए दिल्ली के बड़े नेता बहुत इच्छुक नहीं थे लेकिन राज्य के नेताओं ने कह दिया कि बिना इसके चुनाव की तैयारी नहीं की जा सकती है. बस फिर क्या था, दिल्ली में बड़े नेताओं ने हथियार डाल दिए. अब नई सरकार में कांग्रेस के चार या उससे अधिक विधायक शामिल हो सकते हैं. हाईकमान ने जैसे ही बुधवार को सरकार बनाने के लिए सहमति दी. वैसे ही कांग्रेस में मंत्री बनने के लिए लॉबिंग भी शुरू हो गई.
कांग्रेस में चुनाव पूर्व गठबंधन पर दो तरह की धाराएं चल रही हैं. इसलिए इससे संबंधित कांग्रेस की समिति के प्रमुख एके एंटनी को भी झामुमो के विषय में समझाने में कांग्रेस नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी. झामुमो का पिछला रिकार्ड एंटनी को रास नहीं आ रहा था. लिहाजा कांग्रेस के नेताओं को कहना पड़ा कि झामुमो के बिना लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत मुश्किल आएगी क्योंकि बाबूलाल मरांडी से गठबंधन टूट चुका है. कांग्रेस नेताओं ने एंटोनी को यह भी बताया कि संगठन के नाम पर कांग्रेस झारखंड में सबसे अधिक कमजोर है. तब जाकर एंटनी ने चुनाव पूर्व पहले गठबंधन के लिए झामुमो को इजाजत
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