बिहार के सारण जिले के धर्मसती गंडामन गांव के एक सरकारी विद्यालय में मध्याह्न भोजन से 23 बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। सारण के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार के नेतृत्व में इस जांच दल में आठ लोगों को शामिल किया गया है।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इसने जांच शुरू कर दी है। अपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के पुलिस महानिरीक्षक विनय कुमार एसआईटी के कार्य का निरीक्षण करेंगे जबकि विशेष कार्य बल को अभियुक्तों की गिरफ्तारी में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। इस दल का नेतृत्व सारण के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार करेंगे जबकि टीम में वैशाली के सहायक पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुमार गुप्ता और दो पुलिस निरीक्षक व पांच सहायक निरीक्षक शामिल किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि धर्मसती गंडामन गांव में स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में पिछले मंगलवार को मध्याह्न भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी जबकि रसोइया और 24 बच्चों अभी भी बीमार हैं।इस मामले पर गांव के निवासी अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है जिसमें प्रधानाध्यापिका मीना देवी और अन्य को आरोपी बनाया गया है। फरार प्रधानाध्यापिका के खिलाफ सोमवार को छपरा की स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) विनोद कुमार और प्रमंडलीय आयुक्त शशिशेखर शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंप दी, जिसमें प्रधानाध्यापिका की भूमिका को अपराधिक लापरवाही करार दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानाध्यापिका ने विभागीय आदेश का खुला उल्लंघन किया है। भोजन बनने के दौरान उन्होंने न सही तरीके से निगरानी की और न ही बच्चों को भोजन परोसने के पहले उसे चखा। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में भी भाजन में कीटनाशक दवा मिलने की पुष्टि हो गई है। गौरतलब है कि प्रधानाध्यापिका को पूर्व में ही निलंबित कर दिया गया है।
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