लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति को निराशाजनक बताते हुए सोमवार को कहा कि इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए इस तरह के संस्थागत तंत्र की जरूरत पर बल दिया, जो यह सुनिश्चित करा सके कि बदलते दौर में भी उच्च शिक्षा की प्रसंगिकता बनी रहे।
दरभंगा में ललित नारायण मिश्र विश्वविद्यालय के पांचवें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मीरा कुमार ने कहा कि भारत में निरक्षरों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि आज शहरी इलाकों में साक्षरों और ग्रामीण इलाकों में निरक्षरों और निर्धनों के बीच एक बड़ी खाई है। उन्होंने इस खाई को पाटने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत बताई।
कुमार ने कहा कि शिक्षा के जरिए ही ज्ञान और कौशल बढ़ाए जा सकते हैं। इससे हमारी क्षमता का विकास होता है। उन्होंने निष्ठा के साथ शिक्षा देने की जरूरत बताया और कहा कि मौलिक और प्राथमिक शिक्षा ही नए अवसर पैदा करती है, और बच्चों को एक अच्छी शुरुआत देती है। उन्होंने कहा कि परंपरागत ज्ञान और शैक्षणिक जानकारी को समाहित कर इस क्षमता को राष्ट्रीय संपदा में परिवर्तित किया जाना चाहिए।

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