गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को वीजा देने के मसले पर भारत में पैदा हुए विवाद के बीच अमेरिका ने आज इस सवाल पर कोई भी ठोस जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या मोदी को अमेरिका यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
अमेरिकी विदेश विभाग इन सवालों के जवाब भी टाल गया कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो अमेरिका क्या करेगा। विदेश विभाग ने कहा कि वीजा आवेदन के लिए मोदी का स्वागत है, जिस पर विचार किया जाएगा, लेकिन उसकी नीति बदली नहीं है।
विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पेसाकी ने आज अपनी नियमित न्यूज ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि यदि मुख्यमंत्री मोदी वीजा के लिए आवेदन करते हैं, उनके आवेदन पर यह तय करने के लिए विचार किया जाएगा कि वह अमेरिकी आव्रजन कानून और नीति के अनुसार वीजा के लिए योग्यता रखते हैं या नहीं।
मोदी को वीजा दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारी नीति बदली नहीं है। अमेरिका को गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रदेश में वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में मानवाधिकारों के हनन को लेकर, मोदी को वीजा देने में आपत्ति है।एक भारतीय संवाददाता ने पेसाकी से भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा अमेरिका में मोदी को वीजा दिए जाने को लेकर चलाए जा रहे अभियान और संप्रग सरकार की अलोकप्रियता तथा मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना को लेकर सवाल किए। इस पर पेसाकी ने कहा कि कई प्रकार की अटकलें लगायी जा रही हैं। हम लोकतांत्रिक चुनावों को प्रोत्साहित करते हैं। हम किसी का पक्ष नहीं लेते। हम इस पर करीब से नजर रख रहे हैं।
भारतीय पत्रकार अपने सवाल पर अड़े रहे और उन्होंने जानना चाहा कि अमेरिका, प्रधानमंत्री मोदी के साथ किस तरह पेश आएगा। पेसाकी ने कहा कि मैं समझती हूं कि मैंने अभी कहा है कि यदि वह आवेदन करते हैं, तो हम उनके वीजा आवेदन पर विचार करेंगे और इस समय में आगे को लेकर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहती। पेसाकी ने इसके साथ ही कहा कि लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, हम इस प्रक्रिया या व्यक्तिगत मामलों के बारे में बात नहीं करते। लेकिन यदि वह आवेदन करते हैं तो निश्चित रूप से उस पर विचार किया जाएगा।
विदेश विभाग की टिप्पणियां ऐसे समय में आयी हैं जब भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह वाशिंगटन के अपने तीन दिवसीय व्यस्त कार्यक्रम को समेटने में लगे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कई अमेरिकी सांसदों, थिंक टैंक तथा शिक्षाविदों से मुलाकात की। सिंह ने यहां भारतीय-अमेरिकी मीडिया को बताया कि उन्होंने अमेरिका के साथ मोदी को वीजा देने का मामला नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी सरकार का मामला है, जिस पर उसे फैसला करना है।
राजनाथ ने कहा कि यह हमारा मामला नहीं है। यह अमेरिकी प्रशासन के लिए मुद्दा है। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि मोदी देश के एक बेहद बेहद लोकप्रिय नेता हैं। विदेश विभाग की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब 65 सांसदों द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को पत्र लिखे जाने को लेकर एक नया विवाद पैदा हो चुका है।
समझा जाता है कि इन सांसदों ने ओबामा को पत्र लिखकर अमेरिकी प्रशासन से मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखने की अपील की है। बताया जाता है कि लोकसभा के 40 और राज्यसभा के 25 सांसदों ने वीजा मुद्दे पर ओबामा को पत्र लिखा है। भाजपा ने इस मामले में जांच की मांग की है।
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