संस्कृत को मात्र एक पुरातन भाषा के रूप में देखने के नजरिए को बदलते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने नए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिसमें भारतीय वैज्ञानिक धरोहर, रंगमंच, स्व-प्रबंधन एवं नाट्यशास्त्र जैसे विषय शामिल हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग के विभागाध्यक्ष मिथिलेष चतुर्वेदी ने कहा, "हम लोगों के मन में संस्कृत के प्रति पनपे नजरिए को बदलना चाहते हैं। हम विद्यार्थियों के बीच इसकी व्यापकता बढ़ाना चाहते हैं तथा विषय को आधुनिक दुनिया के संदर्भ में प्रासंगिक बनाना चाहेंगे।"
संस्कृत ऑनर्स के तहत अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को मौसम विज्ञान, आयुर्वेद, पारिस्थितिकी विज्ञान, नृशास्त्र एवं योग का भी अध्ययन करना होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष संस्कृत विषय से प्रवेश पाने के लिए 13,000 आवेदन आए हैं।
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