पृथक तेलंगाना मुद्दे पर फैसला अपने अंतिम चरण में है और यथाशीघ्र इसकी घोषणा कर दी जाएगी। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह जानकारी दी। सोमवार को यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार के पास केवल दो ही विकल्प हैं। एकजुट आंध्र प्रदेश या पृथक तेलंगाना राज्य का गठन। अटकलबाजी थी कि रायलसीमा और तेलंगाना क्षेत्रों को मिलाकर रायल-तेलंगाना के गठन या हैदराबाद को केंद्रशासित प्रदेश की हैसियत दी जाएगी, मगर अब ऐसी कोई संभावना नहीं रही।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यथाशीघ्र फैसला लिया जाएगा, लेकिन उन्होंने इसकी कोई समय सीमा बताने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इस तरह की समय सीमा पहले कई बार तय की जा चुकी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी, उप मुख्यमंत्री दामोदर राजानरसिम्हा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोस्ता सत्यनारायण को इस बात की तैयारी करने के लिए कहा कि यदि कोई फैसला लिया जाता है तो रणनीति क्या होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "इस मामले में भावी कदम का वास्तविक अर्थ यह है कि यदि कोई फैसला लिया जाता है तो राजनीतिक रणनीति और प्रशासनिक कार्रवाई क्या होनी चाहिए। दोनों सरकारों और पार्टी को इसके लिए तैयार रहना होगा।" केंद्र सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2009 के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हम कह चुके हैं कि यह आंध्र प्रदेश विधानसभा को अग्रसारित किया जाएगा।"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना एक पृथक राज्य के गठन की सामान्य प्रक्रिया है, वहीं ऐसा प्रस्ताव केंद्र सरकार के लिए बंधनकारी नहीं होगा।
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