सीएम राहत कोष हेतु चेक भेंट किये
सीएम राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को रविवार को सेंट्रल रेलवे इंप्लायर्स को-ऑपरेटिव क्रेडित सोसायटी लि. के पदाधिकारियों व नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने 20-20 लाख रुपये धनराशि के चेक भेंट किये। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को सीएम राहत कोष के लिए विश्वामित्र इंडिया परिवार के पदाधिकारियों ने 5 लाख व राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के पदाधिकारियों ने 3 लाख रुपये धनराशि के चेक भेंट किये।
परिसीमन व आरक्षण को लेकर दिया ज्ञापन
देहरादून, 28 जुलाई, । जनगणना 2011 के अनुरूप छावनी बोर्ड देहरादून के वार्डों का परिसीमन व आरक्षण करने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने छावनी बोर्ड अध्यक्ष को ज्ञापन दिया है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज यहां छावनी परिषद कार्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने अपनी मांगों से सम्बन्धित एक ज्ञापन छावनी बोर्ड अध्यक्ष को सम्बोधित एक ज्ञापन बोर्ड के सीईओ को दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि छावनी बोर्ड देहरादून द्वारा क्षेत्र के जनगणना 2011 के आंकड़े विध्वित प्रकाशित कर दिए गए है, लिहाजा क्षेत्र का परिसीमन व आरक्षण जनगणना 2011 के अनुरूप किया जाए। इससे सही रूप व समय पर निर्वाचन सम्बन्ध्ति सभी प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा। ज्ञापन देने वालों में शैलेन्द्र गुरूंग, नरेन्द्र क्षेत्री, मधुसूदन शर्मा, अरविंद रावत, प्रवीन जोशी, अरूण शर्मा, संजय नारायण शामिल थे।
29 को जनपद चमोली के दौरा करेगें
देहरादून, 28 जुलाई, । मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा 29 जुलाई प्रातः 8 बजे देहरादून जी.टी.सी. हैलीपैड से हैलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर 8.45 बजे ग्वालदम एस.एस.वी. हैलीपैड पहुचेगें। वहॉ से वे कार द्वारा प्रस्थान कर 9.20 बजे से 10.20 बजे तक थराली में आपदा प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण एवं आपदा प्रभावितो से मुलाकात करेगें। 10.20 बजे थराली से कार द्वारा प्रस्थान कर 10.50 बजे ग्वालदम एस.एस.वी. हैलीपेड पहुचेगें। वे एस.एस.वी. हैलीपेड से प्रस्थान कर 11.10 से 11.40 तक देवाल में आपदा प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण एवं आपदा प्रभावितो से मुलाकात करेगें। मुख्यमंत्री 11.40 से 11.55 तक नारायणबगड क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेगें। श्री बहुगुणा 12.20 से दोपहर 1.10 बजे गोविन्दघाट में आपदा प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण एवं आपदा प्रभावितो से मुलाकात कर 1015 बजे गोविन्दघाट हैलीपैड से देहरादून को प्रस्थान करेगे।
राजधानी मे और महाविद्यालय खोले जायेरू जोशी
देहरादून, 28 जुलाई,। कुछ महाविद्यालयों विशेषतः डीएवी पीजी कालेज एवं डीबीएस पीजी कालेज देहरादून में अनुमन्य संख्या में कई अधिक प्रवेश दिये जाने के सम्बन्ध में विगत 15 दिनों में आन्दोलन के कारण महाविद्यालय को बन्द किया जाता रहा है। इस सम्बन्ध में यह सभी को विदित है कि महाविद्यालय के संसाधन अत्यधिक सीमित है। अध्ययन कक्षों एवं अन्य सुविधाओं का नितान्त अभाव है, डीएवी महाविद्यालय में स्वीकृत संख्या में लगाकर 3 गुना प्रवेश दिये जाने से उŸाराखण्ड राज्य की उच्च शिक्षा की गुणवŸाा के उपर प्रश्नवाचक चिन्ह है। या तो विधानसभा सत्र 2010 एवं 2011 में मैंने इस हित में डीएवी एवं मसूरी क्षेत्र में नये महाविद्यालय की थी। या तो उŸाराखण्ड राज्य बनने के बाद देहरादून महानगर की विधानसभाआंे एवं मसूरी की विधानसभा में एक भी नया राजकीय महाविद्यालय नहीं खोला गया है जबकि पूरे प्रान्त में राज्य गठन के उपरान्त 35 महाविद्यालय खोले गये है। पूरे गढवाल क्षेत्र का शिक्षा की दृष्टि से दबाव सब देहरादून महानगर पर पड़ता है। अतः उच्च शिक्षा की गुणवŸाा बनाये रखने एवं जनभावनाओं की पूर्ति हेतु इस क्षेत्र विशेषतः गढ़ी कैंट, रायपुर इत्यादि मंे चार नये राजकीय महाविद्यालय खोलने की अति आवश्यकता है। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री की आलोचना कहते हुए कहा कि जिस प्रकार से उŸाराखण्ड में आपदा एवं अन्य समस्याओं के समाधान में दूरदृष्टि का अभाव प्रकट होता है उसी प्रकार उन्होनें उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ खिलवाड़ किया । क्या कोई मुख्यमंत्री किसी महाविद्यालय की छात्र संख्या विद्यमान नियम एवं संविधान को ताक पर रखकर स्वंय छात्र संख्या बढ़ा सकता है जबकि तथ्य ये है कि संविधान के समक्ष महामहिम राज्यपाल ने 19 जुलाई 2013 को प्रवेश के समक्ष विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवŸाा बनाये रखने तथा परिसरों में सृजनात्मक शैक्षणिक वातावरण बनाये रखने के लिए आदेश निर्गत कर दिया है। मुख्यमत्री द्वारा इस प्रकार की कारवाही ने स्थिति को मजाक बनाकर के रख दिया है। विधायक गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री से पुनः मांग की है कि वो वास्तव में उच्च शिक्षा के पुर्नवहन के लिए थोड़ी भी इच्छा रखते है तो उन्हें नये महाविद्यालय खोलने चाहिए।
तेरह वर्षों से अधर में लटकी है सड़क
- सड़क का निर्माण कार्य अधूरा पड़े होने से क्षेत्र वासियों में रोष
देहरादून, २८ जुलाई । कोठा बैंड-धोइरालानी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पिछले तेरह वर्षों से अधर में लटका हुआ है। मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण न होने से क्षेत्र के लोगों को कई किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। मोटर मार्ग अधूरा पड़े होने से क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है। कोठा बैंड-धोइरालानी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य सन 1998-99 में शुरू किया गया था। अट््ठारह किलोमीटर लंबा यह मोटर मार्ग आधी-अधूरी हालत में पड़ा हुआ है। कुछ हिस्से में अभी तक सड़क का कटिंग कार्य ही पूर्ण नहीं हो पाया है। पहले यह मार्ग लोक निर्माण विभाग साहिया खंड के अधीन था, जो कि अब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अधीन है। सड़क का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। इस मार्ग से कोठा, तारली, कनबुआ, पंजिया, अलसी, सकनी, लुवांटा, कैनोटा, बनसार, थुरऊ, दुधोऊ, ककाड़ी, निछिया, सैरी आदि गांव जुड़े हुए हैं। सड़क का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा होने से इन गांवों के लोगों को पांच से दस किमी की पैदल दूरी तय कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना होता है। ग्रामीणों का काफी समय आने-जाने में ही बर्बाद हो जाता है, जिस कारण उनके अन्य कार्य प्रभावित होते हैं। नगदी फसलों को पीठ पर ढोकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। बीमार लोगों को चारपाई पर उठाकर लाना पड़ता है, कई बार समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने पर मरीज की रास्ते में ही मौत भी हो जाती है। ग्रामीण विभाग से लंबे समय से सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण करने की मांग कर रहे हैं लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। विभाग की अनदेखी से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। निछिया के प्रधान जीतराम चैहान, ददऊ की प्रधान मीना देवी, क्षेत्रपंचायत सदस्य टीको देवी, बलवीर सिंह, गोपाल सिंह ने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर सड़क का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराए जाने की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग जागता नहीं है तो विभागीय अधिकारियों को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा।
मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा
लालकुआं/देहरादून, 28 जुलाई,। राष्ट्रीय राजमार्ग में बने विशालकाय गड्ढों को भरने व राशन कार्ड की समस्या का निस्तारण करने सप्ताह में एक दिन आने वाले पूर्ति निरीक्षक की मनमानी के खिलाफ नगर के सभासदों व क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी को प्रेषित शिकायती पत्र की प्रति अधिशासी अधिकारी को सौंपी । यहां स्थानीय तहसील परिषर मंे नगर पंचायत के सभासद राजकुमार सेतिया के नेतृत्व में एकत्र हुए सभासदों व क्षेत्रवासियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग में बने विशालकाय गड्ढो से होरही दुर्घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एनएच पर इतने बड़े गड्ढे हो गये है कि इसमें गिरने से अब तक दर्जनों लोग चोटिल हो चुके है। कई बार मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियो से करने के बावजूद अब तक उक्त गड्ढो को भरा नहीं गया है जिससे गम्भीर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि अबिलम्ब उक्त गड्ढों को नहीं भरा गया तो नगरवासी आन्दोलनात्मक कार्यवाही शुरू कर दंेगे। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को लालकुआ तहसील आकर क्षेत्र के राशन कार्डों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए तैनात किये गये वरिष्ठ पूर्ति निरीक्षक एचएस रावत के यहां समय पर नहीं आने व मनमानी करते हुए निजी व्यक्ति को विभागीय कार्य की जिम्मेदारी देने के खिलाफ पूर्ति विभाग के विरूद्ध कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए नारेबाजी की गयी। इसी बीच तहसील परिषर में पहुॅचे पूर्ति निरीक्षक एचएस रावत से भी सभासदों व क्षेत्रवासियों की तीखी नोकझोक हुई जिसमें उन्होंने पूर्ति निरीक्षक पर कई गम्भीर आरोप लगाये। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी सहित सूबे के श्रम मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल को ज्ञापन भेंज कर कार्यवाही की मांग की गयी। ज्ञापन की प्रति अधिशासी अधिकारी कुन्दन लाल को सौपीं। प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से सभासद राजकुमार सेतिया, धन सिंह बिष्ट, अनुज शर्मा, अरूण बाल्मिकी, रणजीत सिंह, संजय अरोरा, अब्दुल रहमान, कुन्दन सिंह, विनोद कुमार सहित भारी संख्या मे स्थानीय लोग सामिल थे।
गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं ने किया हंगामा
देहरादून, 28 जुलाई, । गत 9 जुलाई को लालकुआं घोडानाला क्षेत्र में हुई महिला की मौत के मामले में पुलिस द्वारा मृतका के सास ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद लालकुअंा पुलिस द्वारा मृतका के चार मासूम बच्चों को उसके मायके पहुॅचा देने से आक्रोशित दर्जनों महिलाओं ने कोतवाली आकर जबरदस्त हंगामा किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों से महिलाओं की तीखी नोकझोक भी हुई । महिलाऐं पुलिस के व्यवहार से अत्यधिक रूष्ठ थी। उन्हें लगभग 1 घंटे की मसक्कत के बाद एलआईयू कर्मियों द्वारा समझाबुझा कर शांत किया। देर सांय तक महिलाऐं कोतवाली में ही जमा थी। विदित रहे कि पश्चिमी राजीवनगर घोडानाला निवासी बालम सिंह बोरा ने स्थानीय कोतवाली में गत 10 जुलाई को तहरीर देते हुए कहा था कि 9 जुलाई को उसकी बहन बीना उर्फ जानकी देवी का उसके ससुरालियों ने दहेज के खातिर इतना उत्पीड़न किया कि उसने मजबूरन अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जानकी का उत्पीड़न करने वालों में उसकी सास मोतिमा देवी, ससुर पान सिंह व देवर गंगा सिंह पर संगीन आरोप लगाते हुए जानकी की मौत को एक साजिंश करार दिया। भारी दबाव के बाद पुलिस ने धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया और सास मोतिमा देवी ससुर पान सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शनिवार की दोपहर बिन्दुखत्ता क्षेत्र से ट्रैक्टर ट्राली में सवार हो दर्जनों महिलाऐं व पुरूष अपने साथ मृतका जानकी के चारों नन्हे मुन्हे बच्चों को लेकर स्थानीय कोतवाली पहुॅचे जिन्होंने लालकुआं पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि लालकुअंा पुलिस के जवान एक कार से मृतका के पश्चिमी राजीवनगर घोड़ानाला स्थित माइके मं रात्रि 8.30 बजे आकर मृतका के चारों बच्चों पूजा आठ वर्ष, तन्नू 6 वर्ष, रितिका 4 वर्ष व रेखा 1 वर्ष को उनके घर के आंगन में छोड़कर फरार हो गये। पुलिस के इस रवैये से ग्रामीणों में गहरा असंतोष व्याप्त हो गया। शनिवार की दोपहर एकत्र हुए ग्रामीणों ने पुलिस के इस कृत्य का विरोध करने का निर्णय लिया। स्थानीय कोतवाली में दर्जनों महिलाओं ने वरिष्ठ उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह का घिराव करते हुए कहा कि पुलिस कर्मी उक्त बच्चो को बिना कुछ बताये चोरों की भॉति मृतका के माइके क्यों छोड़ आये ? आक्रोशित महिलाएं व ग्रामीण लगभग 2 घंटे तक कोतवाली में प्रदर्शन करते रहे उनकी कई बार एसएसआई सहित पुलिस कर्मियांे से तीखी नोकझोक हुई बाद में एलआईयू कर्मियों ने बमुस्किल महिलाओं को शांत किया देर सांय तक महिलाऐं स्थानीय कोतवाली में एकत्र होकर लालकुआं पुलिस को कोस रही थी। उन्होने पुलिस द्वारा मृतका के मायके जाकर की गयी उक्त हरकत की लिखित सूचना भी कोतवाली में दी। प्रदर्शनकारियों मंे मुख्य रूप से मृतका की मॉं कौशल्या देवी, भाई बालम सिंह बोरा, देवकी देवी, सोनी बोरा,पुष्पा देवी ,जानकी देवी, पार्वती देवी, गंगा देवी, चम्पा देवी, प्रभा देवी, मुन्नी देवी, हेम पाण्डे, अर्जुन बिष्ट, धर्मानन्द तिवारी, किशन सिंह नेगी सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण सामिल थे।
घरों में घुसे मलबे को हटाने का कार्य रहेगा जारी
- भारी तबाही से जल विद्युत कम्पनी को भी हुआ है नुकसानरू भण्डारी
देहरादून, 28 जुलाई, । 16 व 17 जून को आई भारी आपदा ने श्रीनगर को भी हिलाकर रख दिया था। उफनाई अलकनन्दा ने श्रीनगर के भक्तियाना, शक्ति बिहार व केदारघाट मोहल्ले में भारी तबाही मचाई। तो महिला थाना, नया बस अड्डा, एसएसबी, आईटीआई समेत दर्जनों घरों में अलकनन्दा से आया पानी व मलबा घरों के अंदर घुस गया था। आपदा की इस घडी में हर कोई डरा व सहमा हुआ था वहीं दूसरी ओर श्रीनगर जल विद्युत परियेाजना का निर्माण कर रही जीवीके कम्पनी ने घरों से मलबा हटाने हेतु प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए रैस्क्यू अभियान चलाया और इसकी कमान कम्पनी ने लाइजेनिंग अफसर भूपेन्द्र भण्डारी को सौंपी थी। भण्डारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरू में जीवीके कम्पनी द्वारा मलबा हटाने हेतु दो जेसीबी, एक पुकलैण्ड, 6 डम्पर, पानी की आपूर्ति हेतु 6 पानी के टैंकर व 1 ईंधन वाहन लगाया गया था, और अभी भी क्षेत्र के अंतर्गत मलबा हटाने का कार्य जारी है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका ने भी राहत कार्यों को तेज करने के लिए निर्माणदायी कम्पनी से 3 जेसीब, 12 डम्पर, 1 पुकलैण्ड, 6 पानी के टैंकर व एक छिडकाव वाहन मय ईंधन सहित लगवाये। भण्डारी ने कहा कि वे लगातार प्रशासन के सम्पर्क में रहकर खुद भक्तियाना की सभासद विजयलक्ष्मी रतूडी के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जायजा लेते रहे। वहीं सर्वे के पश्चात् यह पाया गया कि कुछ ही घरों से मलबा हटाया जा सकता है। शक्ति बिहार के कुछ परिवारों ने पूर्ण विस्थापन की मांग करते हुए अपने घरों का मलबा हटवाने से मना कर दिया था। लेकिन अब उपजिलाधिकारी के आदेश पर उक्त घरों का मलबा भी साफ किया जा रहा है। भण्डारी ने कहा कि कम्पनी ने प्रशासन के आदेश पर अपने अमले के साथ सडक मार्ग खोलने हेतु ऊखीमठ क्षेत्र में लोनिवि को 1 पुकलैण्ड भेजा है। केदार मौहल्ले में दो आवासीय भवन नदी कटाव के कारण खतरे की जद में आ गये थे। जिन पर तुरन्त राहत कार्यों को सुरक्षा हेतु वायर क्रेट वॉल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि लगातार कार्यों को अंजाम देने का कार्य जारी है। उन्होने कहा कि कम्पनी पर बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं जबकि बांध के गेट कम्पनी द्वारा जिला प्रशासन के आदेश पर कई दिन पूर्व खोल दिये गये थे। वहीं उन्होने कहा कि निर्माणदायी परियोजना में भारी सिल्ट जमा होने के कारण पावर हाउसों को भारी नुकसान पहुंचा है।
अलकनन्दा में सुरक्षा दीवार को लेकर धरना प्रदर्शन 35वें दिन भी जारी
देहरादून, 28 जुलाई, । विगत 34 दिनों से लगातार आंदोलनरत श्रीनगर बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं व आंदोलनकारियों ने यहां झलूस प्रदर्शन कर शासन प्रशासन से मांग की कि श्रीनगर बचाने के लिए पंचपीपल से शारदा घाट तक 30 फीट ऊंची व 20 फीट चैडी आरसीसी की दीवार को तत्काल लगाया जाएं, जिससे हजारों परिवारों की बस्ती को बचाया जा सके। आंदोलनकारियों ने कहा है कि वे लंबे समय से आंदोलनर हैं लेकिन उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है। उन्होने कहा कि यदि शारदाघाट से अलकनन्दा के छोर पर यह सुरक्षा दीवार बनकर तैयार हो जाती है तो अलकनन्दा बिहार नया बस अड्डा, महिला थाना, केदार मोहल्ला, भक्तियाना क्षेत्र व शक्ति बिहार में भविष्य में आने वाली आपदा से बचा जा सकता है। उन्होने कहा कि जन सुरक्षा कार्य पर सरकार व सिंचाई विभाग को त्वरित अमल करना चाहिए ऐसा न होने पर उन्होेने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होने कहाकि वे विगत एक माह से ज्यादा समय से आंदोलनत हैं लेकिन आपदा के लिए जिम्मेदार लोगों पर न तो कार्यवाही की गई है और न ही उनकी बात को पूर्ण रूप से अमल में लाया जा रहा है। धरना प्रदर्शन करने वालों में सघर्ष समति के अध्यक्ष प्रेमदत्त नौटियाल, मथुरा प्रसाद सिलोडी, आशा बिष्ट, गजेन्द्र नेगी, अम्बिका भट्ट, चन्द्रकला, नवीन चैहान, पातीराम, कुसुम, मीना असवाल, सदानन्द पुरी, सतेन्द्र कण्डारी, शकुंतला गोस्वामी , उमा शंकर थपलियाल, सुधाकर भट्ट, प्रभाकर बाबुलकर, गोदाम्बरी गिरी, देवानन्द, कुसुम पंवार आदि थे।
बिजली, पानी सहित बुनियादी मुद्दों पर हुई बीडीसी में चर्चा
देहरादून, 28 जुलाई,। श्रीनगर क्षेत्र के क्षेत्र पंचायत कीर्तिनगर की बैठक क्षेत्र पंचायत प्रमुख जेपी शाह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इससे पूर्व नव निर्मित विकासखण्ड सभागार का लोकार्पण पूर्व काबीना मंत्री दिवाकर भट्ट व गढवाल आयुक्त सुवर्धन द्वारा किया गया। 80 लाख से ज्यादा की लागत का बने इस भवन के लोकार्पण के बाद अब बीडीसी की बैठकें इसी सभागार में होंगी। बैठक में क्षेपं सदस्यों व ग्राम प्रधानों ने आपदा से प्रभावित पेयजल लाइनों, सडकों, दूर संचार, व खाद्यान की समस्या बैठक में रखी। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि भारी वर्षा के कारण गांवों के सडक व सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गये हैं व उपजाऊ खेती भी आपदा की भेंट चढ गई है। सडक मार्गों के बाधित होने से गांवों में खाद्यान्न संकट गहरा गया है। बार-बार शिकायत करने पर भी संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विद्यालय भवनों की दुर्दशा भी बैठक में प्रधानों द्वारा रखी गयी। वहीं राइका जाखी डागर के भवनों की जीर्ण-शीर्ण स्थिति का भी मुद्दा सदन में रखा गया। सीता देवी, सीमा भारती, क्षेपंस शशि रतकली ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल समस्या लंबे समय से बनी हुई है। ज्येष्ठ प्रमुख विनोद रावत ने भी कई समस्यायें सदन मंे रखी। प्रधान सदानन्द बडोनी, पुरूषोत्तम उनियाल, कुमारी लता आदि ने सडकों की समस्या के बारे मं सदन को अवगत कराया। कतिपय अधिकारियों की अनुपस्थिति भी बैठक में आयुक्त को खली। गढवाल आयुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर जन समस्याओं का त्वरित निदान करें। वहीं क्षेपं प्रमुख जेपी शाह ने संबंधित अधिकारियों को आंगणन तैयार कर क्षतिग्रस्त योजनाओं का जायजा लेने को कहा। बैठक में विद्युत, लेानिवि, पेयजल, शिक्षा से संबंधित अधिकारी कर्मी उपस्थित थे।
कालीमठ घाटी की कोई नहीं ले रहा है सुध, घाटी के दर्जनों गांवों में छाया खाद्यान्न संकट
देहरादून, 28 जुलाई,। जनपद रूद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी के दर्जनों गांवों में आपदा के पांच सप्ताह बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। त्रासदी में लापता हुए लोगों के परिजन मातम में डूबे हुए हैं। जबकि राहत सामग्री पाने की लाइन में अन्य ग्रामीण खडे़ हैं। शासन-प्रशासन द्वारा त्रासदी में लापता हुए लोगों के परिजनों की सुध न लिये जाने से परिजन दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। 16-17 जून को केदारघाटी में हुई त्रासदी से कालीमठ घाटी बुरी तरह प्रभावित हुई थी। गुप्तकाशी-कालीमठ-चैमासी मोटरमार्ग व पैदल संपर्क मार्गों के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई थी। कालीगंगा के उफान में आने से कालीमठ में लगभग 22 मकानें कालीगंगा की भेंट चढ़ गई थी। कालीमठ, स्यालसूगढ़, चिलोंड, पैदल संपर्क पुलों के बहने से कई गांवों का संपर्क आज भी कटा हुआ है, जिससे गांवों में खाद्यान्न संकट गहरा गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर गुप्तकाशी और ऊखीमठ आकर राहत सामग्री को अपने घरों तक पहुंचा रहे हैं। 1 जुलाई को प्रशासन ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से लगभग 185 कुंतल राहत सामग्री क्षेत्र में पहुंचाई थी, लेकिन 12 गांवों के लिए यह राहत सामग्री ऊंट के मुंह में जीरे के समान थी। आलम यह है कि आपदा के पांच सप्ताह के बाद भी त्रासदी में लापता हुए लोगों के परिजन अभी भी वियोग में हैं। जबकि राहत सामग्री पाने की लाइन में अन्य लोग ही खडे़ हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राहत सामग्री कालीमठ घाटी के गांवों में पहुंचाने का प्रयास किया था, लेकिन राहत वितरण अभियान मोटरमार्गों तक ही सीमित रहने से प्रभावित परिवारों को आज तक राहत नहीं मिल पाई है, जिससे वे प्रकृकि की दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। वर्तमान में बीएसएफ द्वारा कालीमठ घाटी के दर्जनों गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ ट्रालियों के माध्यम से ग्रामीणों की आवाजाही शुरू करने की कवायद की जा रही है, मगर प्रतिदिन मौसम खराब होने से बीएसएफ के जवानों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। स्वयं सेवी संस्थाआंें ने गांव-गांव जाकर छोटी-मोटी बीमारी की स्वास्थ्य सुविधाएं तो उपलब्ध कराई हैं, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण जालमल्ला में विगत पांच दिनों से एक महीला जीवन व मौत के बीच जूझ रही है। जालतल्ला गांव की की बात करें तो कालीगंगा के तेज बहाव से भूकटाव होने से पूरा गांव खतरे की जद में आ गया है। दर्जनों मकानों में दरार पड़ने के कारण ग्रामीणों ने विद्यालयों में आसरा लिया था, लेकिन विद्यालयों में भी दरार पडने से ग्रामीण खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन के नुमाइंदों ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा तो किया है, लेकिन आज तक कोई भी कालीमठ घाटी के ग्रामीणों के दुख-दर्दों को नहीं जान पाया है।
मित्र समिति ने शुरू की मंदाकिनी नदी के तटों को बचाने की मुहिम
- नदी में नहीं होने दिया जाएगा अतिक्रमण और खनन
देहरादून, 28 जुलाई,। रूद्रप्रयाग में केदारघाटी में विगत माह आई भीषण आपदा से सबक लेते हुए अगस्त्य पर्यावरण मित्र समिति ने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के सहयोग से मन्दाकिनी नदी के तट को बचाने की पहल करते हुए लोंगों से नदी तट पर अतिक्रमण व खनन न करने की सलाह दी है। नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि दैवीय आपदा के कारण घटित महाविनाश से पूरी केदारघाटी तहस नहस हो गई है। दैवीय आपदा के कारण कई लोग बेघर हुए और कई की चल एवं अचल सम्पति को भारी क्षति हुई है। आपदा के चलते विजयनगर कस्बे के निकट बहने वाली मन्दाकिनी नदी ने विजयनगर से सौरगढ़ तक अपना मार्ग भी बदल दिया है। परिवर्तन के कारण विजयनगर कस्बे के सामने एक विस्तृत रेत का मैदान बन गया है। यदि यहीं स्थिति बनी रहती है तो मन्दाकिनी का मार्ग बदलना विजयनगर के साथ साथ पूरे कस्बे के हित में होगा, इसलिए इस रेत के मैदान का संरक्षण करना सबका कर्तव्य होना चाहिए। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि विजयनगर से सौरगढ़ तक भविष्य में खनन कार्य पर पूर्ण रोक लगाई जानी चाहिए और खनन कार्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए एकजुटता दिखाई जाय। इसके साथ ही इस महाविनाश के पश्चात यदि कोई व्यक्ति नदी की ओर बढ़ते हुए स्थाई या अस्थाई निर्माण की योजना बनाता है तो इस का पुरजोर विरोध किया जायेगा। बैठक में नगर पंचायत अगस्त्यमुनि से अनुरोध किया गया कि वह जवाहरनगर से सिल्ली तक नदी के किनारे कस्बे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जगह जगह सुरक्षा दीवार के साथ ही आवश्यकतानुसार चैक डेम बनवाने के लिए सरकार को विशेषज्ञों के परामर्श के आधार पर कार्य योजना प्रस्तुत करे और प्रकृति प्रदत्त इस रेत को मैदान को भविष्य में हरित पट्टी के रूप में विकसित करने की कार्य योजना तैयार करे। इसके साथ ही आपदा के कारण ध्वस्त हुए विजयनगर एवं सिल्ली के पैदल पुलों को शीघ्र बनवाने के लिए नगर पंचायत तत्परता के साथ अपने स्तर से शासन प्रशासन से सम्पर्क करे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विजयनगर कस्बे के मध्य में स्थित कूड़ेदान को मन्दाकिनी की शुचिता एवं आम नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शीघ्र सुरक्षित स्थान पर स्थान्तरित किया जाना आवश्यक है और एक सितम्बर से नगर क्षेत्र में पॉलीथीन के प्रयोग को प्रतिबन्धित किया जाय। बुरी तरह ध्वस्त हुए राजमार्ग को इस प्रकार पुनर्निमार्ण किया जाय कि भूधंसाव से खतरे की जद में आए भवनों को सड़क निर्माण से मजबूती मिल सके। इसके लिए बीआरओ से अनुरोध किया जायेगा। इसके साथ ही कस्बे में क्षतिग्रस्त कॉजवे को यथाशीघ्र ठीक कराने का भी अनुरोध किया जायेगा। बैठक को समबोधित करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक खत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि वे नगर की समस्याओं के समाधान के लिए हर सम्भव कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि विजयनगर स्थित नये बने रेत के मैदान को हरित पट्टी के रूप में विकसित कर इसे पार्क बनाया जायेगा। इसके साथ ही नगर की शुचिता को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही शहर को पॉलीथीन मुक्त कराया जायेगा। आपदा के कारण अपना व्यवसाय खो चुके व्यापारियों को भी नगर पंचायत पुर्नस्थापित करने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है। अगर शासन प्रशासन ने साथ दिया तो नगर को आदर्श पंचायत बनाने के लिए वे कृतसंकल्पित हैं। नगर क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर भी वे सचेत हैं तथा नगर की जनता से भी अपेक्षा करते हें कि वे इस कार्य में उनका उनका पूरा साथ देंगे। बैठक का संचालन अगस्त्य प्र्यावरण मित्र समिति के सचिव नरेन्द्रदत्त सेमवाल ने किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष पद्म सिंह गुसाईं, रमेश प्रसाद चमोला, केदारघाटी आपदा पीडि़त पुनर्वास संघर्ष समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, रेवतीनन्दन भट्ट, व्यापार संघ के सचिव राजेश बगवाड़ी, भीम सिंह रावत, कुन्दन नेगी, प्रेमबल्लभ भट्ट, प्रकाश पंवार, नगर पंचायत सभासद मुकेश भण्डारी, भीम सिंह बिष्ट, पुष्कर कण्डारी, प्रदीप जिरवाण, सते सिंह रावत, वीरेन्द्र नेगी, तुलसीराम सेमवाल, राजेन्द्र बिश्ट सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
शिवालिक नगर में तीन घरों में हुई चोरी की वारदात, स्थानीय लोग दहशत में
देहरादून, 28 जुलाई, । तीर्थनगरी हरिद्वार में चोरों ने एक ही रात में तीन घरों में धावा बोलकर पाश कॉलोनी शिवालिक नगर में खौफ भरपाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंनं-के-187, के-157, के-119 में शनिवार की रात को घरों में घुसकर चोरी की। के-187 निवास स्वामी जसवीर सिंह पुत्र गुरूवचन सिंह नरूला अपने घर पर सो रहे थे चोरों ने पास ही कमरे की ग्रिल तोड़कर कमरे में रखे सामान पर हाथ साफ करते हुए एक लैपटॉप, एक मोबाइल, 30 हजार कैश, सोने का किटी सैट, टॉप्स रिंग आदि पर हाथ साफ कर फरार हो गये। दूसरी ओर के-157 नवीन कुमार के कमरे की खिड़की ग्रिल तोड़कर चोरों ने कमरे में दाखिल होकर कमरे की तलाशी लेकर कमरे में कुछ ना मिलने पर बिना कुछ चुराये भाग गये। गनीमत रही दूसरे कमरे मंे नवीन कुमार व उनके बच्चे सो रहे थे जबकि वहीं के-119 में रिटायर्ड एजीएम भेल कर्मी एएस चांदना की घर की खिड़की की ग्रिल तोड़कर चार नकाबपोश घर में घुस गये। घर में शोर सुनकर एएस चांदना का परिवार जाग गया जागने पर चोरों एएस चांदना व उनकी पत्नी को लोेहे की रोड से घायल किया। एएस चांदना ने नकाबपोश चोरों का जमकर विरोध किया। उसके बाद चोर उनको एक कमरे में बंद कर 10 हजार रूपये नगद लेकर भाग खड़े हुए। चांदना ने बंद कमरे से ही अपने पड़ोसियों को चोर घुसने की सूचना की पड़ोसियों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। एएस चांदना ने बताया चोरों ने घर के एक कमरे की खिड़की का ग्रिल तोड़कर कमरे के अंदर घुस गये चार लोग कमरे के अंदर घुसे थे जिनके पास हाथों में टार्च और मुंह पर नकाब बांध रखा था। चोरों का विरोध करने के बाद चोरों ने हमारे साथ मार पिटाई भी की चोरी की इस घटना से पूरे शिवालिक नगर में भय का माहौल बना हुआ है। शहर में आये दिन चोरों का तांडव जारी है। चोर लुटेरों ने पाश कालोनियों को अपने निशाना बना रखा है। अभी हाल फिलहाल में द्वारका विहार व लोक सेवा आयोग में भी चोरों ने चोरी कर डाली थी। स्थानीय लोगों का कहना है पुलिस गश्त व्यवस्था पर ध्यान नहीं देती। जिन कारणों से दिन दहाड़े ऐसी घटनायें हो रही है। एसपी सिंह रंजीत आदि का कहना था कांवड़ मेले के दौरान पुलिस कांवड़ सम्पन्न कराने में लगी हुई है इध्र पाश कालोनीयों मंे चोरी की घटनायें बढ़ रही है। रानीपुर थानाध्यक्ष जेएस राणा ने बताया चोरों की धरपकड़ के लिये प्रयास तेज किये जा रहे है। चैंकिग अभियान जारी है।
होर्डिंग हटाने के अभियान के खिलाफ एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों ने खोला मोर्चा
हरिद्वारदेहरादून, 28 जुलाई, । होर्डिंग साईन बोर्ड टैन्डर प्रक्रिया को लेकर हरिद्वार एडवरटाईजिंग एजेन्सी के मालिकों ने नगर निगम द्वारा साईन बोर्ड व गाटर हटाने के अभियान का विरोध करते हुए भगत सिंह चैक पर जोरदार प्रदर्शन किया। एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों का कहना है नगर निगम हमारी उपेक्षा कर रहा है। 100 परिवार इस रोजगार से जुड़े हुए हैं। नगर निगम के अधिकारी बाहर के ठेकेदारों को टेन्डर प्रक्रिया में धांधली कर बाहर के ठेकेदारों को कार्य देने का काम कर रहे हैं। बाहर के ठेकेदारों को होर्डिंग साईन बोर्ड टेण्डर प्रक्रिया में शामिल करना चाहते हैं। स्थानीय विज्ञापन एजेन्सियों की अनदेखी कर रहे हैं। एडवरटाईजिंग एजेन्सी से जुड़े लोगों का कहना है रविवार के दिन भी होर्डिंग हटाने का काम नगर निगम कर रहा है। जबकि एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों ने कोर्ट मंे इस मामले को डाल रखा है। जबकि कल सोमवार को केस की सुनवाई भी होनी है। लेकिन नगर निगम के कुछ अधिकारी सांठ गांठ कर टेन्डर प्रक्रिया अपनाकर बाहर के ठेकेदारों को काम सौंपने में लगे हुए हैं। ट्टषि सचदेव ने बताया 100 लोगों को रोजगार इस कार्य से जुड़ा हुआ है। जबकि सभी शुल्क जमा होने के बाद भी बिना नोटिस दिये हमारे साथ नगर निगम के कुछ अधिकारी अन्याय कर रहे हैं। जोर जबरदस्ती कर हमारे साईनबोर्ड व गाडर हटाये जा रहे हैं। हमारा कहना है कोर्ट की कल सुनवाई होनी है जो फैसला होगा उसके बाद आप अपनी कार्यवाही करे। जबकि एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों ने भगत सिंह चैक पर अपने केस से सम्बन्धित वकील को भी बुला रखा था। नगर निगम से आये सहायक नगर अधिकारी पीके बंसल से भी एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों व उनके वकील ने चर्चा की। जबकि सहायक नगर निगम अधिकारी पीके बंसल का कहना है कि हमारे पास किसी भी प्रकार का कोई आर्डर नहीं है। अगर आपके पास ऐसा कोई आर्डर हो तो दिखाये। एडवरटाईजिंग एजेन्सी मालिकों ने नगर निगम के अभियान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अधिकारी का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की व सिटी मजिस्ट्रेट को होर्डिग हटाने की जानकारी भी दी। रोष प्रकट करने वालों में गौरव शर्मा, आशीष गुप्ता, भूपेन्द्र, अजय चैधरी, सौरभ, ट्टषि सचदेव, राजवेन्द्र आदि थे।
हाइवे पर जाने से रोकने पर कावंडि़यों के साथ हुआ हंगामा
देहरादून, 28 जुलाई, । हाइवे पर कावंडि़यों को रोकने का प्रयास पुलिस द्वारा जारी है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिये कांवड़ पटरी मार्ग से ही कांवडि़यों को भेजने का प्रयास पुलिसकर्मी कर रहे हैं। पुलिस के साथ-साथ आला अधिकारी भी शिव भक्तों को हाईवे पर जाने से मना कर रहे हैं। क्योंकि हाइवे पर कावंडि़यों की ज्यादा भीड़ के कारण ट्रैफिक संचालन में भारी दिक्कतें पुलिस को उठानी पड़ रही है। चण्डी देवी चैक, शंकराचार्य चैक, प्रेमनगर चैक, सिंह द्वार चैक, पुल जटवाड़ा आदि क्षेत्रों में पुलिस कावंडि़यों को हाइवे पर जाने से रोक रही है। जबकि कांवडि़यों की संख्या बढ़ जाने के कारण कावंडि़ये भी हाइवे पर प्रवेश करने की जिद पर अमादा हो रहे हैं। प्रेमनगर चैक पर एक कावंडि़ये को हाइवे पर कावंड़ ले जाने से मना करने पर कावंडि़ये ने घंटों हंगामा काटा कावंडि़या हाइवे पर कावंड़ लेकर अपने गन्तव्य की ओर जाने की जिद करने लगा। लेकिन पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिये कावंडि़ये को कावंड़ पटरी मार्ग से ही रवाना करने की कोशिश की लेकिन कांवडि़ये ने आवाज लगाकर और भोलों को इकट्ठा कर लिया। पुलिस के साथ घंटों गहमा गहमी का माहौल बना रहा। कुछ स्थानीय लोगों ने भी कांवडि़यों को समझाने की बात कही लेकिन कावंडि़ये हाइवे पर जाने के लिये अड़े रहे। जबकि पुलिस द्वारा कांवडि़यों को काफी समझाया बुझाया गया। एक बार तो स्थिति ज्यादा बिगड़ती दिखाई देने लगी कावंडि़यों का हुजुम प्रेमनगर चैराहे पर जमा होने लगा लेकिन पुलिस की बेहतर व्यवस्था के चलते मामले को जल्द ही निपटा लिया गया व कांवडि़ये को कावंड़ पटरी मार्ग पर जाने के लिये तैयार कर लिया गया। यातायात व्यवस्था को बनाने के लिये पुलिस प्रयास कर रही है। कुछ सड़कों पर बेरिकेटस डालकर बंद भी किया गया है। लेकिन कावंडि़ये कभी भी जिद पर अड़ जाते हैं। जिन कारणों से पुलिस को दिक्कते उठानी पड़ रही है। ऐसे मौके पर पुलिस द्वारा बनाये गये विशेष पुलिस ऑफिसर भी चैराहों पर नदारद नजर आ रहे हैं। ऐसे में उनकी जरूरत पुलिस को भी इन ऑफिसरों की आवश्यकता पड़ जाती है। जो कि कावंडि़यों व पुलिस के बीच मयकता पड़ जाती है। जो कि कावंडि़यों व पुलिस के बीच मध्स्यता कराने में अहम भूमिका निभाते है।
कावंडि़यों का धर्मनगरी से कूच करना जारी, कावंडि़यों की संख्या में बढ़ोत्तरी
देहरादून, 28 जुलाई, । कांवडि़यों के जत्थे जल भरकर हरिद्वार से अपने गन्तव्यों की ओर रवाना हो रहे हैं। शिव के भक्त नाचते गाते अपनी कावंड़ को लेकर अपने शहरों की ओर रवाना हो रहे हैं। आज कावंडि़यों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखी गई। कांवडि़यों का हुजुम कावंड़ पटरी मार्ग पर दिखाई दिया। हरिद्वार की हरकी पौड़ी व विभिन्न घाटों पर कावंडि़यों का जमावड़ा दिखाई दे रहा है। कावंड़ को सजाने का क्रम जारी है। वहीं कावंड़ की पूजा अर्चना गंगा घाटों पर कावंडि़ये कर रहे हैं। कुछ शिव के भक्त बड़ी कावंड़ ले जा रहे हैं। कुछ भव्य मंदिरों के जैसी कांवड़े बनाकर अपने गन्तव्यों की ओर लौट रहे हैं। झांकी वाली कावंड़ बंटे वाली कांवड़ अधिकतर ज्यादा दिखाई दे रही है। महिलायें बच्चे वृहदजन कावंड़ लेकर भोले की जय-जय घोष के नारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कावंडि़यों के रूप अलग-अलग दिखाई पड़ रहे हैं। कुछ युवा वर्ग के कांवडि़यें शिव की वेशभूषा धारण कर अपने गन्तव्यों की ओर रवाना हो रहे हैं। शिव की टोपी व टीशर्ट पहनकर भोले का गुणगान करते हुए कावंड़ पटरी मार्ग से आगे बढ़ रहे हैं। बहुत से कांवडि़ये गु्रप बनाकर डीजे की थाप पर आगे बढ़ रहे हैं। बहुत से कांवडि़यों ने भारी कांवड़ कंधों पर उठाकर शिव के जयघोष के नारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। धर्मनगरी की सड़कों पर केसरिया रंग दिखाई दे रहा है। जयभोले की गूंज के साथ कावंडि़यों अपनी आस्था को प्रकट करते दिखाई दे रहे हैं। महिलाओं में भी शिव की भक्ति दिखाई दे रही है। मन्नतों की कावंड़ों को अपने कंधों पर उठाकर अपने गन्तव्यों की ओर कावंडि़ये रवाना हो रहे हैं। पुलिस भी मुस्तैदी के साथ चल कावंडि़ये का नारा लगा रही है। भोलों के साथ भोलेपन के तरीके से ही पेश आना पड़ रहा है। जबकि दूसरी ओर कावंडि़यों के जत्थे वाहनों पर सवार होकर धर्मनगरी में पहंुच रहे हैं। कुछ कांवडि़ये तो वाहनों की छतों पर सवार होकर जय-जय घोष के नारे लगाकर हरिद्वार धर्मनगरी में पहुंच रहे हैं। लगता है अब कांवडि़यों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी होने वाली है। पुलिस को भी चाक चैबन्द व्यवस्थायें लागू कराने के लिये अपनी ताकत का परिचय देना होगा। जगह-जगह सड़कों व गलियांे पर कांवडि़यों के जत्थे दिखाई देने लगे हैं।
कावंडि़यों के पंजीकरण की मांग उठाने के साथ-साथ पंजीकरण को लेकर की जागरूकता
हरिद्वार/देहरादून, 28 जुलाई, । शिव भक्त कावंडि़यों को अपना पंजीकरण कराने से प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के समर्थन में जन जागरण अभियान चलाकर कावंडि़यों को प्रेरित करने के उद्देश्य से तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा की अगुवाई में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिध्यिों में सामाजिक कार्यकर्ता पं. चन्द्रप्रकाश शर्मा, धर्मशाला रक्षा समिति के अध्यक्ष महेश गौड़, गोस्वामी सभा के राष्ट्रीय सचिव महंत मधुकांत गिरि, पंजाबी सभा के शहर अध्यक्ष सुनील अरोड़ा, व्यापारी नेता संदीप गुप्ता, लघु व्यापार के भूपेन्द्र राजपूत इत्यादि संगठनों के प्रतिनिधियों ने हरिद्वार में आने वाले शिव भक्त कावंडि़यों को अपना पंजीकरण कराने के लिये जन जागरण अभियान चलाया। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिध्यिों ने रेलवे स्टेशन, पोस्ट ऑफिस चैक, सब्जी मण्डी चैक, सुभाष घाट, बिरला घाट, अलकनंदा घाट, बाल्मीकि चैक पर नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से शिव भक्त कावंडि़यों को अपना पंजीकरण कराकर अपनी स्वयं रक्षा करने का संदेश दिया। इस मौके पर तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से आने वाले शिव भक्त कावंडि़यों को उत्तराखण्ड सरकार व जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण की व्यवस्था में सहयोग करते हुए अपनी सुरक्षा के लिये बढ़ चढ़कर अपना नाम पता वोटर आईडी सहित पंजीकरण कराना चाहिये। उन्होंने कहा पंजीकरण कराने से शिव भक्त कावंडि़यों की पहचान उनके पृैतक स्थान से हो सकेगी और आने वाली कोई भी अनहोनी से बचा जा सकता है। चोपड़ा ने कहा प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा प्रथम बार कावंडि़यों के पंजीकरण किया जा रहा है उसका वह स्वागत करते हैं और जिला प्रशासन का कावंड़ मेले में तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के कार्यकर्ता भरपूर सहयोग के लिये तत्पर रहेगें। सुनील अरोड़ा ने कहा कि उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा ने पूरे देश की मानवता को झंझोड़ा है। आपदा से सीख लेकर प्रदेश सरकार द्वारा शिव भक्त कांवडि़यों के पंजीकरण की व्यवस्था किया जाना एक नई व्यवस्था का जन्म हुआ है। आने वाले कांवड़ मेलों में शिव भक्त कावंडि़यों की पंजीकरण की व्यवस्था सुदृढ़ और पारदर्शी होगी। उन्होंने कहा अन्य राज्यों से आने वाले शिव भक्त कांवडि़यों के पंजीकरण के जागरूक करने के लिये वहां की सरकारों को होर्डिग व विज्ञापनों द्वारा प्रचार प्रसार करने की मुहिम चलानी होगी। पंडित चन्द्रप्रकाश शर्मा व महेश गौड़ ने संयुक्त रूप से कहा कावंड़ मेले मंे धर्मशाला रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक ठहराव वाले कावंडियों को जागरूक किया जा रहा है। कि वह अपने शहर व जिले व राज्य में जाकर यह संदेश दें कि हरिद्वार में शिव भक्त कावंडि़यों का पंजीकरण कराया जा रहा है हरिद्वार आने वाले कावंडि़ये पंजीकरण की व्यवस्था में बढ़ चढ़कर सहयोग करें। शिव भक्त कांवडि़यों के पंजीकरण कराने के लिये जग जागरण अभियान में भूपेन्द्र राजपूत, ओमप्रकाश भाटिया, राजीव पाराशर, नईम सलमानी, राजकुमार मल्होत्रा, कमल सचेदवा, अतीश वर्मा, धर्मपाल कश्यप, खुशीराम, महेन्द्र सैनी, असीम जोशी आदि विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।



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