केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि देश में कच्चे तेल की जरूरत का 79 फीसदी आयात किया जाता है। संसद में दिए गए एक लिखित जवाब में मंत्री ने कहा कि 2013-14 के लिए पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की अनुमानित मांग क्रमश: 16,335 टन, 73,500 टन और 16,712 टन है। मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के लिए देश में कच्चे तेल की आवश्यकता का 78.75 फीसदी आयात से पूरा किया जाता है। देश के बढ़ते चालू खाता घाटा के कारण तेल आयात का मुद्दा केंद्र में आ गया है।
मोइली ने कहा, "12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए इस मंत्रालय के कार्य समूह की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों की अनुमानित मांग इस अवधि में 18.62 करोड़ टन रहेगी।" उन्होंने कहा कि एक जुलाई 2013 के मुताबिक देश की रिफायनिंग क्षमता 21.5 करोड़ टन सालाना है, जो घरेलू मांग से अधिक है।
उन्होंने हालांकि कहा कि एलपीजी और ल्यूब्स जैसे कुछ उत्पादों की कमी है, जिनका आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि 2012-13 के दौरान देश में 6,093 टन एलपीजी का आयात किया गया, जिस पर 30,402 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसी अवधि में 1,409 हजार टन ल्यूब्स का आयात किया गया, जिस पर 8,877 करोड़ रुपये खर्च हुए।

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