आतंकवादी यासीन भटकल को पटना से विशेष विमान के जरिए दिल्ली लाया गया है। तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए भटकल को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 12 दिन की एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया। उधर, कोलकाता के चांदनी चौक इलाके में धमाका होने से सनसनी फैल गई। भटकल ने बिहार की कोर्ट में पेशी के दौरान देश में कई जगहों पर हुए बम धमाकों में शामिल होने की बात कुबूल कर ली है। सूत्रों के मुताबिक यासीन ने दिल्ली, पुणे और बेंगलुरु में हुए बम धमाकों में अपना गुनाह मान लिया है। हालांकि भटकल ने अपना गुनाह तो कबूल कर लिया, लेकिन उसका कहना है कि उसे तबाही का अफसोस नहीं है। उसका कहना है कि वह धमाकों के जरिए खौफ का माहौल बनाना चाहता था।
उसने यह भी माना है कि कराची में ही इंडियन मुजाहिदीन का मुख्यालय है। एनआईए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 2009 में वह पाकिस्तान में था, जहां आईएसआई के बड़े अफसरों से मिला था। देश में 40 से ज्यादा बम धमाकों में 600 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जाने वाले यासीन भटकल को गुरुवार को भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल से गिरफ्तार किया गया था और शाम को मोतिहारी की अदालत में उसकी पेशी हुई थी। यासीन भटकल के सहारे खुफिया एजेंसियों को भारत में इसके नेटवर्क के कई बड़े गुर्गो तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन जिस तरह से उसके पकड़े जाने की सूचना ‘जल्द’ लीक हो गई, उससे खुफिया एजेंसियां खासी निराश है।
एक अधिकारी ने कहा कि टीवी चैनलों और वेबसाइट पर जिस तेजी से भटकल के पकड़े जाने की सूचना आई, उससे भटकल के नेटवर्क से जुड़े आतंकी सतर्क हो गए। अगर यह सूचना एक से दो दिन बाद सामने आती तो संभव था कि इस नेटवर्क के प्रमुख आतंकियों को पकडऩे में मदद मिलती। इस अधिकारी ने कहा कि भटकल को बुधवार की शाम को करीब 6.30 बजे पकड़ा गया था। इससे पहले की उससे पूछताछ हो पाती, गुरुवार की सुबह से ही सूचना सभी टीवी चैनल और प्रमुख वेबसाइट पर आने लगी। इससे अन्य प्रक्रिया प्रभावित होने लगीं। उस समय तक भटकल से औपचारिक पूछताछ भी शुरू नहीं हो पाई थी। अगर समय मिल गया होता तो उससे पूछताछ के सहारे कई लोगों तक पहुंचा जा सकता था। इस अधिकारी ने हालांकि यह बताने में असमर्थता जताई कि यह सूचना लीक कहां से हुई है। क्या उन्हें बिहार पुलिस पर शक है या फिर कर्नाटक पुलिस या फिर स्वयं आईबी से यह सूचना बाहर गई है, इस सवाल पर अधिकारी ने कहा कि समय कमी ढूंढने का नहीं है। बल्कि भटकल से पूछताछ कर उसके कारनामों की कड़ी जोडऩे का है।
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