इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने विश्व हिंदू परिषद की परिक्रमा यात्रा पर यूपी सरकार के रोक के फैसले पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि वीएचपी की परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाए जाने का फैसला सही है। इसके साथ ही कोर्ट ने परिक्रमा पर रोक हटाने की याचिका खारिज दी।
न्यायमूर्ति एल के महापाल और न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने प्रमोद कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि साल की इस अवधि के दौरान 84 कोसी यात्रा परंपरागत धार्मिक कार्यक्रम नहीं है। इसलिए सरकार के निर्णय पर कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जा सकती। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि यात्रा धार्मिक कार्यक्रम है और उस पर राज्य सरकार का प्रतिबंध अवैध है।
कल अयोध्या में वीएचपी की 84 कोसी परिक्रमा यात्रा प्रस्तावित है। इसे लेकर यूपी सरकार और वीएचपी आमने-सामने है। जहां विहिप परिक्रमा यात्रा पर अड़ी है, वहीं राज्य सरकार किसी भी हाल में इसे नहीं होने देने की बात कह चुकी है। इसके मद्देनजर अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है और बाहर से साधु-संतों को आने नहीं दिया जा रहा है। अब तक 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
84 कोसी परिक्रमा को रोकने के लिए अयोध्या को छावनी में बदल दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या की 300 किलोमीटर की परिक्रमा यात्रा पर रोक लगा रखी है, लेकिन वीएचपी यात्रा करने पर अड़ी हुई है, जिसके चलते वहां टकराव की स्थिति बनी हुई है।
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