प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लगातार गिरते रुपये पर आज संसद के दोनों सदनों में बयान दिया। मनमोहन ने कहा कि गिरता रुपया देश के लिए चिंता का विषय है। गिरते रुपये के पीछे वैश्विक कारण हैं। सीरिया संकट और अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सुधार भी इसके लिए जिम्मेदार है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का मूल ढांचा पूरी तरह मजबूत है और हाल के समय मे जो भी चुनौतियां सामने आ रही हैं उनसे जल्दी ही निपट लिया जाएगा। संसद के दोनों सदनों में आज देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर बयान देते हुए पीएम ने कहा कि हमारा मूलभूत ढांचा पहले की तरह मजबूत है और जो चुनौतियां सामने आ रही है उनसे निपटने में कोई दिक्कतें नहीं आएंगी। इन सभी चुनौतियो से जल्दी ही पार पा लिया जाएगा।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका में आर्थिक मंदी के समय अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जो प्रोत्साहन पैकेज दिया गया था। इस साल उसको धीरे-धीरे वापस लेने के संकेतों के बाद रुपये पर दबाव बनना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ने रुपये में आ रही गिरावट को रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं उसके परिणाम जल्दी ही सामने आने लगेंगे।
मनमोहन सिंह ने कहा कि रुपये के गिरावट को थामने के लिए जो कदम उठाए गए उसको लेकर कुछ शंकाएं उठाई गईं। मनमोहन ने कहा कहा कि वे सदन और विश्व को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रही है, जिससे कि निवेश के माहौल पर प्रतिकूल असर पड़े। सरकार चालू खाते में घाटे के कारण रुपये की कीमत गिर रही है। हम इसे नियंत्रित करने की कोशिश में जुटे हैं। पीएम ने कहाकि हमें देश में गोल्ड की भूख को कम करना होगा। साथ ही पेट्रोल प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल को किफायती करने की जरूरत है। देश को एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा। विदेशों में मांग कम होने की वजह से एक्सपोर्ट पर प्रभावित है। हमें तेल का नियंत्रित इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं सभी देशों की मुद्रा में गिरावट आई है। पिछले कुछ समय में विकास और निर्यात में कमी आई है। लेकिन सुधार के कार्यक्रम जारी रहेंगे। सरकार की पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं आया है। हम अपनी नीतियां नहीं बदलेंगे और वित्तीय घाटा कम करने की कोशिश करेंगे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मनमोहन ने सिंह ने कहा कि राजनीतिक असहमति से कई महत्वपूर्ण बिल लटक गए। बीजेपी ने कई बार संसद से वॉकआउट किया। लेकिन प्रधानमंत्री के बयान से असंतुष्ट होकर बीजेपी ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
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