करीब 3500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद में दलाली खाए जाने के आरोपों के बाद अब भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने इस सौदे को लेकर कई नए खुलासे किए हैं। संसद में मंगलवार को पेश कैग की रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय को इस सौदे के मामले में कई अनियमतिताओं के लिए कठघरे में खड़ा किया गया है और रक्षा खरीद नीति के अनेक प्रावधानों से भटकने के लिए मंत्रालय की जमकर खिंचाई की गई है।
दिलचस्प यह है कि इस समय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा ही हैं जो इस सौदे की शुरुआत होने से लेकर इसे अंतिम रूप दिए जाने तक रक्षा मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर थे, लेकिन उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रीय लेखाकार विनोद राय ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ही इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया था।
संसद में आज पेश 23 अप्रैल की इस रिपोर्ट पर राय के ही हस्ताक्षर हैं। बजट सत्र के दूसरे हिस्से में हेलीकॉप्टर सौदे और फिर कोयला घोटाले के कारण सत्र संसद नहीं चल पाई थी और यह रिपोर्ट भी नहीं पेश हो सकी थी।
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